विश्वकर्मा शिल्पसागर | Vishwakarma Shilpasagar
 श्रेणी : अन्य / Others

लेखक  :  
                  Book Language 
हिंदी | Hindi 
                  पुस्तक का साइज :  
34 MB
                  कुल पष्ठ :  
524
                  श्रेणी :  
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)_  विखिकर्मा शिर्यसागर हुबदास छत सूचीपज | हे
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वट
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नल
विषय
ये चार आय নাস मनुष्य के मकान के वास्ते शुभ है ॥
ब्राह्मण के धर में ध्वज, आय उत्तम हे क्षत्रिय के घर में सिंह
आय अच्छा है बेश्णों के घर में वृषभ फल देती है ओर হুদা
के घर के वास््ते गज आय अच्छा कहा है ॥
घ्वज आय में अथ लाभ होताहे आर घृछू में संताप होताहे
सिंह आय में अनेक प्रकार के भोग विलास होते हैं ओर
खान आय में हमेशा झगड़ा रहता है ओर बृषभ आद में
धन,पान्य; इकट्ठा होतीहे ओर ग्ध अयश खी मरण हती
है गज आय में कृस्याण होताहे ओर ध्वांक्ष में मरणहोताहे ॥
 
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० | दवता के सदिर्, राजो ई सहर, धूतिः या शिव हिणः बनाने
मं वादः या १९ या हवन ‰&ड, यज्ञश पताकः क्षतः,
चापरः वावटः इसा तलाक ड इत्यादि स ध्वज अय्
| छथ होताहै #
सिंहान, या पोशाक गहना, शुद्ुट इत्यदि बना में ध्वज
' आय उत्तम कहा है अश्नि से काम लेने की जगह यानी
रसोई घर सोनार; छोह्दर, ठठेश, और हलवाई, भडभ्नजा,
र्यादि की शटी वनन क्ं वस्ते भरम् आथ अच्छ दे भार
अखाड़ा के वास््ते शी अच्छा है सिलाखाना बनाने में, राजा
के सिंहासन ओर मकान में सिंह आय अच्छा हे बेश्या तथा
नर ओर वाचने बाल फे जर कुत्ता पालने वालों के घर
और जिय लोगों का अन्न ग्रहण न कियाजाय उनके धर
' बनाने में बबान आय अच्छा है।
बाणिजकी दकानःब्यापारको मंडी,भोज व शालामे बेठने के,
| मेंडफमें बेल ओर बुड़शालू तथा गोशाला/बविद्यावर,बाजाघर
और जितने बाजाहें उनके बनाने में बृंष आय शुभ हह ॥
| जितने कोम गंधहा पालते हैं यानी कुम्हार धोषी इत्यादि |
 
					
 
					
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