उत्तराखंड में खड़िया खनन का | Uttrakhand Me Khadiya Khanan Ka Prabhao
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
72
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अध्याय : 2
खड़िया खनन लीज नियमावली, नीति व खनन की शर्तें
2.1 अध्ययन क्षेत्र परिचय : खनिज लीज /पट्टे लेने के तरीके व खनन लीज की शर्तों को
जानने से पूर्व यहाँ अध्ययन क्षेत्र का संक्षिप्त विवरण देना भी उचित होगा। बागेंश्वर जनपद
जिसका चयन खड़िया खनन से होने वाले प्रभावों को परखने के लिए किया गया जनपद
अल्मोड़ा से विभाजित कर सन् 1997 मेँ बागेश्वर की स्थापना नयी जिले के रुप में की
गयी शथी| जनपद बागेश्वर का कुल प्रतिवेदित क्षेत्रफल 139221 हेक्टेयर है | जनपद
बागेश्वर पूर्वं व उत्तर में पिथौरागढ़, दक्षिण मेँ अल्मोड़ा तथा पश्चिम मेँ चमोली जनपद से
घिरा हुआ। भौगोलिक संरचना की दृष्टि से जिले से तीन भागों में विभाजित किया जा
सकता है।
1. उच्च हिमालयी क्षेत्र 2. निचला पर्वतीय भाग 3. घाटियां
विकास खण्ड कपकोट का अधिकतर भाग उच्च हिमालयी क्षेत्र में आता है जो बफं
से ठका रहता है जबकि निचले पर्वतीय सम्भाग में सीड़ीनुमा खेत बने है जिसमें अनेक
तरह के फसलोँ को उगाया जाता है तथा चारे हेतु घास को पाला जाता है। नदी किनारे
की घाटियों को सेरों के नाम से जाना जाता है जो सिंचाई साधनों की सुविधा के कारण
निचले पर्वतीय भाग से अधिक उपजाऊ होते है। जनपंद बागेश्वर में सरयू, पिण्डर, लाहुर,
पुंगर ओर पूर्वी रामगंगा नदियां बहती है। उच्च हिमालयी क्षेत्र के निचले भाग में बांस,
| खरसू, काफल, बुरांस आदि किस्मों के वृक्ष पाये जाते है। प्रशासनिक दृष्टि. से बागेश्वर
जनपद 3 तहसील, 3 विकास खण्ड, 883 आबाद ग्राम व 363 ग्राम पंचायतों मे ब॑टा है।
जिसमें कुल 249462 लोग निवास करते है, जिसमें 118512 पुरुष तथा 130950 महिलायें
है। जनपद की 96.87 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती है। बागेश्वर जिला
खड़िया उत्पादन का मुख्य क्षेत्र है, इसके अलावा मेग्नेसाइट, चूना पत्थर तथा रलेट जेसे
मुख्य खनिज क्षेत्र में विद्यमान है। जहाँ जनपद के काफलीगैर नामक क्षेत्र मेँ सीमेन्ट व
मैग्नेसाइट की फैक्ट्री विद्यमान है वहीं कपकोट में कालीन बुनाई व रिंगाल के उत्पाद बनाने .
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