फिर निराशा क्यों | Fir Nirasha Kyu
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
87
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जो मनुष्यों को अपने कर्तेंग्यकार्या में कटियबद्ध होने
की उच्तेज़ञना हे और अनिकार्य आपत्तियां और ক্ষত্তিলা-
दयें का प्रसन्नता पचक सामना करने को उदच्चत करे, जे
मनुष्यों को दुःख और शो की तुच्छता बता कर उनके
सुख और आनन्द की मात्रा की तृद्धि करे; वह पुस्तक
निःसन््देह परमापयेगी है, और उसके लेखक का परिश्रम
सफल ही नहीं हैं बल्कि अति सराहनीय श्रौग स्नुन्य है)
श्राश्षा द कि इस पुस्तक का सवं साधारणम यथोचित
दर ভাবা, जिसस कि याग्य लेखक इस प्रकार के
ध्यन्य ग्रन्थ लिम्बन को प्रोत्साहिन हैं ।
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