ओवर अफ्रीका इन अ बलून | Over Africa In A Baloon

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Over Africa In A Baloon by हरिकृष्ण जौहर - Harikrishn Jauhar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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| ( ११ ) बदल गई ! अथोत्‌ अब वह अपने पिता को कैम छदा सक्ता था | ५० पाउणड भ तो यह दोनां असम्भव था उतने से तो शांयद्‌ वह कठिनंता सेअफ्रिका के किनारे तक भी न पहुंचेगा ! आह ! इस समय, मिष्टर सुडामोर का उसे ध्यान आया, और उनके न होने ने इस दुखः की आप में घी का काम कर दिखाया। हां ! शायद्‌ यह समाचारपत्र वाला अपने आप से हमें उनकी * ख्लोज में भेने ! जैसा कि न्यूयार्क हेरोल्ड ने डाक्टर लिविंग- स्टोन के सिये क्रिया था । यह विचार कर यह उसके एडीटर से मिलने के निमित्त ऊर्पर जाने लगा । अभी वह द्रवाने के भीतर पैर रखताही था फ एक जवान ` आदमी से जो उपर से नीचे आ रंहा था इस्से भेंट हुई और उप्तीके पीछे एक मोटा, नागय,और अधेड़ बयस का मनुष्य उतर | হা খা मिस्‍्के पहिनावे से प्रतीत होता था कि वह जहाजी है । वह जवान मनुष्य, हेक्टर को देखतेही चिल्ला उठा ! “हां हेक्टर ! कैसी खुसी की बात है, यार ! मैं तुम्हारेही मिलने के लिये जा रहा था (फिर कर अपने मोटे और नटे साथी से) कप्तान जोली! मैं आप को अपने साथी से परिचित कराता हूं! आप मेरे बड़े मित्र हैं, आप का नाम हेक्टर हाल्डेन है, ओर इन्हीं के बारे म॑ में अभी आप से वात चीत कर .रहा था। कप्तान--आप से मिलकर मुझे; बड़ी प्रसन्ता हुई ! ' यह कृहकर उसने अपना मोटर और मजबूंत हाथ हेक्टर के हाथो भे दे दिया ।




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