थामस जेफर्सन और अमरीकी प्रजातंत्र | Thomas Jeferson Aur Ameriki Prajatantra
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
204
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)६
ओर उसके इस कायं में इतिहासकार अच्छा सहायक सिद्ध हो सकेता/है १जब०८
तक अमरीकी जनता जेफर्मन के सिद्धान्त को दरूकरा नही देती --जौर इस विवार ~
धारा का प्रभाव क्षीण होने का कोई लक्षण भो नही है--तब ज्ञक थामस जेफ-
জল के अध्ययन को केवल कोरा शास्त्रीय अभ्यास ही नहो माना जा सकता ।
अध्याय २
प्रशिक्षण-काल
( १७४३- १७७३ )} ६
मनोवैज्ञानिको का कहना है कि चरित्र का गठन जीवन के प्रारम्भिक वर्षो
में होता है और अनुभव भी यही बताता है कि किसी मनुष्य के विश्वासो,
का आधार अधिकतर प्रौढावस्था मे पहुँचने के पहले के वर्षो मे ही सुदृढ होता
है । ये विश्वास प्राय उसकी अचेतन मान्यताए होती है, जिन पर उसकी विचार-
धारा और क्रियाकलाप आधारित होते है। फिर भी, इतिहासकार जिन पुरुपो
को एतिहासिक नायक मानकर चलता है, उनके जीवन की इस चरि त्रिक रचनात्मक
अवधि के बारे मे बहुत कम जान सकता है, अपवादस्वरूप कुछ ऐसे लोगों
को छोडा जा सकता है जो अपनी वशानुगत परिस्थितियों के कारण ऐतिहापिक
चघटनाचंक्र से महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर लेते है। भले ही विश्व घटनाचक्र से
सम्बंधित किसी महापुस्प के निधन के पश्चात् उसकी कीति से आकपित हो
उसके प्रारभिक जीवन के बारे मे खोज-बीन की भी आवश्यकता उत्पन्न हो, तो भी
इस प्रकार उपलब्ध अधिकाश जानकारी पर उस महापुरुषप की कीति की छाया
पडी रहेगी | प्रारभिक जीवन की जानकारी मिल सकती है, परन्तु प्रश्न यह है
कि क्या उसे विश्वसनीय कहा जा सकता है ”? जब किसी राजनीतिक नेता के
बारे मे विचार किया जाता है, तो उसके वयस्क जीवन के प्रारम्भिक वर्षो के
बारे मे भी प्राय. प्रश्न उठता है। केवल एकमात्र अपवाद जेफर्सन के महान
प्रतिदन्द्दी अलेवजेण्डर हेमित्टन जैसे असाधारण प्रतिभाशाली व्यक्तियों के
अतिरिक्त, यहाँ तक कि क्रान्ति के युग मे भी राजनीतिक नेतृत्व शायद ही
कभी किसी युवा पुरुष को प्राप्त हुआ है। किसी भी पर्यवेक्षक को ऐसे स्पष्ठ
काररा दृष्टिगत नही होगे कि वयो एक तरण युवापुरुप को, जब कि उसका
सामाजिक स्तर उचित है तो उसे इस उम्र के बाद यश्प्रासि मिलनी चाहिए
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