"उग्रवादी" कम्युनिज्म एक बचकाना मर्ज | "ugravadi" Comunism Ek Bachkana Marj

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"Agravadi" Comunism Ek Bachkana Marj by व्ला. इ. लेनिन - Vla. E. Lenin

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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एक बचकाना मर्ज 1? ऋान्ति फे बे (१६०५-०७) | समी वर्म खुलकर मैदान में श्रा जाते हैं । कार्यक्रम श्रीर कायेनीति से सम्बेधित सभी विचारों की परख अनता की कार्वाइयों से की जाती है। हड़ताल श्रान्दोलन, ध्यापकता और उप्रता में संखार में वेमिसाल रूप घारण कर लेता हे। आर्थिक इड़तालैँ राजनीतिक इड़तालों में बदल जाती है और बाद में विद्रोह का रूप धारण कर लेती ई} नेता के रूप में मज़दूर बंगे श्र अनुयायी के रूप में दुलमुल, भ्रस्थिर किसान ঘন ক सम्पेघों की परख श्रमल में हीती है। श्रपने-आप विकसित होते संघर्ष में से संगठन का सोवियत रूप उत्पन्न होता है । सोवियतो के मदत्वे फो लेकर उस समवय जो वाद- विवाद होता है, उसमें १६१७-२० में होनेवाले मद्दान संघर्ष की एक मलक मिलती है। कमी संघषे का पार्लामेंटी दंग अ्रपनाया জানা ই নী कमी गैर-पार्लामेंटी ढंग, कभी पालौमेंट का बहिष्कार करने की कार्यनीति अपनायी जाती है तो कमी पालौमेंट में भाग लेने की, कमी गैर-फ्रानूनी संघर्ष होते हें तो कमी क्रावून्नी तरीके शस्तेमाल किये बाते हैं, और ये विभिन्‍न रूप व तरीक़े एक-दूसरे से रुम्बेधित श्रोर जुड़ें होते हैं-- यह सब विविघ प्रकार का चित्र-विचित्र श्रनुमव प्रदान करता है। बहां तक जनता को ओऔरौर नेताश्रों को, वर्गों को और पार्टियों को, राजनीति की छुनियादी बाति सिखाने का सम्बध है, तो इस काल का एक महीना, # शांतिमय ”?, “ वैधानिक ” विकास के एक पूरे वर्ष के बराबर दता है। १६०४. फे रिदसल (पूर्वामिनय) के विना १६२७ अक्तूज़र कान्ति की विचय श्रसम्मवे थी} अतिक्रिया फे वर्षे (१६०७-१०) 1 ज्ास्शादी की जीत हुई । समी क्रान्तिकारी व विरोधी पार्टियां हार्‌ गयी । राजनीति फां स्थान निशा, परस्तरिम्मती, शट, समे, विश्वावात श्रौर श्रर्तीलता ने ले लिया। दाशनिक आदश्शवाद की ओर भुक्काव बढ़ने लगा, रदस्मवाद कान्ति-विसेधी मावनाश्रो की रापनामी जन मया । परन्तु इसके साथ-साथ यह गदइरो हार ही दह चीज्ञ थी बिसने ऋान्तिकारी पार्टियों और क्रान्ति- कारी वर को प्क ठोस और बहुत मूल्यवान सबक्॒ सिखाया। यह सचक्क इतिद्वास के इल्दबाद की समझ देता था। यह सबक राजनीतिक संघर्ष .,




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