ब्रज का इतिहास | Braj Ka Itihas

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Braj Ka Itihas  by कृष्णदत्त शर्मा - Krishnadatt Sharma

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about कृष्णदत्त शर्मा - Krishnadatt Sharma

Add Infomation AboutKrishnadatt Sharma

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
( ९२ ) निम्बाक सम्प्रदाय--- २५८-२७० भरी मह जी, हरिन्याक्षदेव जी, परशुरामदेव जी, रूपरसिक जी, तत्ववेत्ता जी, वृन्दाबनदेव जी, बाँकावति जी, सुन्दरकं वर जी, बनीठनीजी, गोविंदश रणदेवजी, छुत्रक वरि, रसिकगोविंदजी हरिदासी सम्प्रदाय--- २७०-२७५ हरिदास जी, श्री विटठलविपुलजी, विहारिनदेव जी, सरसदेव जी, रसिकदेवजी, नरहरिदेवजी, ललितकिशोरीदेव जी | राधावल्लभीय सम्प्रदाय- २७५-२८९६ श्री हित हरिवंश, श्री नरवाहन, सेवकजी, चतुभु जदास, कृष्णदास भावुक, श्री हरिराम व्यास, ध्रुवदास, श्री नागरीदास, श्री हितरूपलाल । भक्तिकालीन अन्य कवि २८७-२९५ लालजी, केवलरामजी, मदनमोहनजी) नारायण महट्रजी, रामदास मीराबाई, कृष्णदास परयहारी, श्रग्रदास, नाभादासजी, हृदयरामजी, रसखान, चंद्रसखी । भक्तिकालीन फुटकर ब्रजभाषा कवि-- २६५-३०४ कृपाराम, महापात्र नरहरि वंदीजन, ग्रालम, टोडरमल, बीरबल, गङ्ख, मनोहर कवि, बलमद्र मिश्च, जमाले, तानसेन; रहीम, कादिर, मुबारक, बनारसीदास, केशवदास, सेनापति, श्रकबर । ब्रज भाषा का रीतिकालीन साहित्य- २३०५-२ ४४ रीति-कालीन ब्रजभाषा-काव्य की मुख्य प्रव्ृत्तियां, हिन्दी रीतिकाव्य को परम्परा, केशवदास, चिंतामणि त्रिपाठी, महाराजा जसवन्त्सिहद, बिहारीलाल, मतिराम, भूषण, कुन्पति मिश्र, देव, सूरति मिश्र, कष्णकवि, रसिक सुमति, भिखारीदास, श्रालम, लालकवि, घनानद, नागरीदास, सोमनाथ, ग्सलीन, चाचा हित बृन्दावनदास, भगवत रस्िक, सुदन, दूलद बोधा, ठाकुर, पदूमाकर, म्बाल, प्रतापसाहि, द्विजदेव; राजस्थान के अन्य ब्रजमाषा कवि ! ि भारतेन्दु-पूवें के अन्य कवि-- ३४५-३४८ उरदाम ( उड़दाम ) चौबे, नवीन कवि, लाला साधूराम, किशोर, खड़ग कवि । ब्रज भाषा का प्राचीन गद्य साहित्य ३४६-५६ [ लेखक भी प्रभुदयाल मीतल, मथुरा ]




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now