वसुनंदि-श्रावकाचार | Vasunandi Shraavakaachaar

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Vasunandi Shraavakaachaar by पं. हीरालाल जैन सिद्धान्त शास्त्री - Pt. Hiralal Jain Siddhant Shastri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१० वसुननिद्‌-श्रावकाचार चलाने का अनधिकार प्रयास किया है। अतएव चरणानुयोग के विशेष श्रभ्यासी विद्जन मेरे इस प्रयास को सावकाश अध्ययन करेंगे और प्रमादव॒श रह गई भूलों से मुझे अवगत करावेंगे, ऐसी विनम्र प्राथना है। में भारतीय-शानपीठ काशी के अधिकारियों का आभारी हूँ कि जिन्होंने इस ग्रन्थ को अपनी ग्रन्थमाला से प्रकाशित करके मेर उत्साह को बढ़ाया है। मरे सहाध्यायी श्री० पं० फूलचन्द्र जी सिद्धान्तशास्त्री ने प्रस्तावना के अनेक अंशों को सुना ओर आवश्यक परामश दिया, श्री पं० देखारीलाल जी न्यायाचायं देहली ने प्रति मिलानमे सहयोग दिया, प॑० राजाराम जी और पं० रतनचन्द्र जी साहिदशाम्री मड़ावरा (रॉसी) ने प्रस्तावना व परिशिष्ट तैयार करनेमें | श्री पं० पन्नालालजी सोनी ब्यावर, बा० पन्नालालजी अग्रवाल देहली ओर श्री रतनलालजी धमपुरा देहलीके द्वारा मूल प्रतियाँ उपलब्ध हुईं , इसके लिए. में सर्व महानुभावोंका आभारी हैँ । डॉ० उपाध्यायने कुछ और भी महत्वपूर्ण सूचनाएँ संशोधन एवं परिवर्द्धनके लिए दी थीं। किन्तु पहले तो लगातार चार मास तक पत्नीके सख्त बीमार रनेसे न लिख सका। पीछे उसके कुछ स्वस्थ होते ही पत्चीसवर्षाय ज्येष्ट पुत्र हेमचन्द्रके ता० ७-६-५१ को सहसा चिर वियोग हो जानेसे हृदय विदीण ओर मस्तिष्क शूत्य हो गया। अब लम्बे समय तक भी उन्हें पूरा करनेकी कल्पना तक नहीं रही । फलतः यही निश्चय किया, कि जैसा कुछ त्न सका है, वहीं प्रकाशनाथ दे दिया जाय। विद्वजन रही ब्रुटियोंकों सस्नेदर ভিন करेंगे, ऐसी आशा दे। में यथ[वसर उनके परिमार्जनाथ सदैव उद्यत रहँगा। माइमल, पो० मड़ावरा | विनम्र-- मी (उ० प्रर) | हीरालाल ३०-६-११ सिद्धान्तशाख्री, न्‍्यायतीथ भकाशन-व्यय ७६०॥)। कागज २२२८ २६ > २८5 पौड ३३ रीम ४४०) सम्पादन पारिश्रमिक ११०२) छपाई ४॥॥) प्रति पृष्ठ २००) कार्यालय व्यवस्था प्रूफ संगाधनादि ५५०) जल्द बंधाई ३५०) भेंट आलोचना ७४ प्रति ५०) कवर कागज ७५) पोस्टेज ग्रंथ भेट भेजनका १००) कवर डिजाइन तथा ब्लाक २५०) विज्ञापन ६०) कवर छपाई ११२५) कमीशन २५ प्रतिशत ५१६२।।)। कूल लागत १००० प्रति हषी । लागत एक प्रति ५०)॥ मूल्य ५) रुपये




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