पल्लव | Pallava

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Pallava by श्री सुमित्रानंदन पन्त - Sri Sumitranandan Pant

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जीगा-जग के पतभड में प्रात सर्जाती जो मधुऋतु की डाल, उसी का म्नेह-म्पश अज्ञात खिलावे मेरे पल्लव-बाल ! '




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