कामिनीकुसुम नाटक | Kamini Kusum Natak
श्रेणी : नाटक/ Drama
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
64
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)- चौकी न् साँटा उठाकर पंतरे से चलता हुआ ) हां रे यही
পাছে
| तो हमारा काम हे कि जो इस विद्या के पंडित हा उन्हे हम
ॐ
वेखी पुरस्कारद। ` ध ४;
क्स०-क्या प्ररस्कार देता हे ।
चौंकी०-इस विद्या के प्रस्कार के छेत एक यंच बना हे । जि-
| सका नाम - काठ, -लड़म, ओर चोर शत है ।
कस०-केसा ?
| ˆ ˆ चोकी०-दो बड़े २ काठ खकच करके चोर भादे का पांव उस |
| के भीतर डाल देते है | कुसम का दहिनों पेर बलसे खींचकर
| अपने दोनो जांघ में रखकर दबाता हे | अब. जबतक हमारी
| पजान दोगे तबतक नदधटोगेि। . ट
| कुस०- चौकीदार को बल प्र्ब॑क लात मारता हे ओर चोकी |
| दार प्रथ्ती पर लुढ़क जाता हे ) लो तुह्माण यहां एजा छह ।
| - चोौकी०-| उठ करके | बच्चा अभो तुमको दूसरा पुरस्कार |
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