विश्व मानवता की ओर | Vishv Manavta Ki Aur

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Book Image : विश्व मानवता की ओर - Vishv Manavta Ki Aur

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कारण राजा द्वारकानाथ कहता, पिच्छमी सिक्षा रे प्रचार खातर राममोहनरय र धर्मे जुद्ध भे बा रा कट्टर हिंमायती हा ! लोग कैव॑ है के ठाकुर रा बाप नित दितू गे उपनिसदा अर हाफिज रा पाठ करता। झापरी पवित्रता भर धामिकता_ रे कोरण बे महसि वाजता प्रर राममोहनराय रँ भट्टया पछे ब्रह्मसमाज रा सबसू मोटा नेता वणग्धा। ` उपनिषदा री श्रर इस्लाम री परम्परावां भे घणों गहरो उतर कर भी ठाकुर परिवार पिच्छमी सिक्षा भ्रर पिच्छमी जीवण रे ढग रा आगीवाणा मे सू हो । ठाकुर परिवार री इणु भझजीव स्थिति सू जीवण र प्रति ठाकुर है उण हृष्टिकोश न॑ समभणं मे मदद मितं जिणा मे परम्परावा प्रर नये प्रयोगा रौ सामजस्य हो । ठाकुर रं जनम सरू पेलां ही इस परिवार में घणा लायक झादमिया रो तीत पोढिया हो चुकी ही । घन झ्र नाम सू' सरनाम इगा परिवार की जव भी ब्ाह्मणु में एक निरवाछी ही जग्रां ही । ठाकुर परिवार रे भल जोपरण सू द्राह्मणों समाज नाराज होतो हो धर ब्याह सम्बन्ध मू” तो जात बारे ही निकछणों पढ़तों हो । परा, प्रापरी दोलत भर बुद्धि नै जाएठा हुयां ठाकुर परिवार उश वखंत रा घणखरा सामाजिक बधरांं री परवाह कोनी करी । उण बख॒त रा रीत रिवाजां रें खिलाफ भी ठाकुर रा दाद्म ब्रिटेन गया । ठाकुर रा बाप भी ब्रह्म धर्म रा भ्रयुवा होणे सू' पुराण पंथ र॑ प्रति विद्वाह मोटा नायक हा । ठाकुर रा बडा भाई सत्येन्द्रनाथ पहला भारतीय हां जिका इण्डियन सिविल सर्विस में सफल हुया, भर सपत्येन्द्रनाथ री स्त्रों लुगायां री पोस्ताक में एक नई কমন चलाई जिकी घीरे-घीरे बगाल सू भारत হা बहोत सा दूजा भागा में फेलगी । भ्राज इतत दिना बाद श्रापां पुराण पी हिन्दू समाज री उ् भावना ने नहीं समझ सकां जिकी राममोहनराय रे ब्रह्मधर्म री व्याक््या सुण र उछ रै मन में उपजी । सदियां सू हिन्दू घमं पर्‌ वारं सू हौ हमला होता रया-पहला इस्लाम रा प्रर फेर इसाई षप्रंरा। प्रध्यजुग रा संता ही कोप्तीसा भी जादातर घम्मं इस्लाम रे प्रजातात्रिक भर अ्रद्वंतवादी प्रभाव रो नतीजों हो + पण मध्यजुम रा अं संत ट्िस्दू धर्म सा प्तेक विस्वासा नें छिठकारपा नहीं । द्विम्दू देवप्रन्दिर रा देवतावा ने बा रे मता मे भी जल्दी ही जगो पिलग्री । राम्मोहनराय इएा बौद्धिक अमां सूं कदे भी रझाजीतामों नहीं करयो থাই प्र वाद सू इस्नाम रा कट्टर सू कट्टर पनुयायी भी राजो हो सके हा । बां रे दि भरद्वतवाद प्र कमेंक।इ ने छिटकारण री बात सू' इस्लाम रा पेलड़ा दिनां री था यूरोप मे प्यूरीटत प्रान्दोलन री याद भाजाव॑। पुराएप्थियां मै प्रोर जादा चिड्टार्ण री बात तो या हा के राममोहनराय प्रापरो बातां नं साबित करण सरू उपनिसदा प्रर दूजा हिन्दू धमं रा प्रनयं रो इवालो दता মহুনি মী না ही तरियां ही उपनिसदां रा मेगत हा धर प्रनेक देवतावां या की रूप मे भो घूरत पूजा रा घोर विरोधो भो हां 1 श्ण मात ठाकुर रो জনম इसे परिवार में हुयो जिण में गहरी घामिक 'भावनावां होता हुयो मी मूरतपूजा झर कर्मेकाण्ड रो जबाल कोनी হী) ठाकुर, बिना कोई दिमागा रुकावटा रे, मारत री पुराणी पर॒म्परादा ने भपणाई, भर वे सस्दृत {` &§




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