गणित प्रकाश [भाग २] | Ganitprakash [Bhag 2]

Ganitprakash [Bhag 2] by श्री मन्महाराजाधिराज - Shri Manmharajaadhiraj

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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दूसरा भाग & ( ९२ ) प्रश्न हर श्न आदमी को र्क महंने में ९} 4 पाई मिलती दि ता नत्तास महनि में ६४० आदम्िं को क्या मिलेगा डतर २८००} ( १३) प्रश्न किमो काम को दस मनुष्य बारह दिन मेँ कर सक्ते हे उसी के तान दन में के मनुष्य कर सकेगे?---उत्तर मनुष्य ४० ( ¢ ) प्रश्न मवा रुपये के माल पे तीन आने छः पाई महसूल लगता কানা লী सो बत्तास रुपये दे! आने आट पाई के माल पे क्या लगेगा 0 অত, ৬ আর - জি. स... .1 १६६४) पाई ( १४) प्रश्न নান্ঠ জান জী অলুন্দী ল ২২০ জা लगती हँ ता बारह झजागर में किलनी लगेंगो 0 “~ তি শপ उत्तर ३६००० ( १६ ) प्रश्न জানত ইহ জাত ২/%) की आतो हे तो तेरह मन बत्तीस सेर कितने कौ अवेगो ) ~“ ~~ उत्तर १६५) ( १७ ) प्ररनं तोन हाथ चौड़ा ओर साठ इक्कस गज़ लम्बा बापड़ा अस्तर के लिये हे ओर उस के अबरे को छोंट का अरज़ डेठ हाथ दे ता ङख अस्तर के लिये कितनी दीट लेनी चाहिये ¢ उत्तर दछोट गज़ ४8




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