हिन्दू गौरव ज्ञान | Hindu Gorav Gaan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
308
श्रेणी :
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प्रथम विभाग
संस्कृत प्रन्थो के वाक्य
6 হু নাল
৮০৮০১৩২৩০৯৮
इये विसृष्टियेत आ वभूव यदि বা दधे
यदिवान। यो अस्याध्यक्षः परमेव्योमन्त्सो
जङ्घ वेद यदिवान् वेद् । --आग्वेद
ই গন; নিজ অথ নানা সন্ধা কী ভি प्रका-
शित हुई है; ओर जो इसका धारण ओर प्रख्य
करता है, जो इसका अध्यत्त है . ओर जिस व्यापक
में यह सब जगत् उत्पत्ति, स्थिति ओर छय को प्राप्त
होता है, वही पण्मात्मा है, उसको तुम जानो , ओर
दूसरे किसी को ( जड़ प्रकृति आदि को ) सशिकर्ता
मत मानों। उपनिषदु भी यही कहते ই:
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