हिन्दू गौरव ज्ञान | Hindu Gorav Gaan

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Hindu Gorav Gaan by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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2 ६ ८. ~ ~ ~ ~ ~ < ~ ~ ~ ~ ~ -<- ~~: €.€ €€ £ £ £ ^€ प्रथम विभाग संस्कृत प्रन्थो के वाक्य 6 হু নাল ৮০৮০১৩২৩০৯৮ इये विसृष्टियेत आ वभूव यदि বা दधे यदिवान। यो अस्याध्यक्षः परमेव्योमन्त्सो जङ्घ वेद यदिवान्‌ वेद्‌ । --आग्वेद ই গন; নিজ অথ নানা সন্ধা কী ভি प्रका- शित हुई है; ओर जो इसका धारण ओर प्रख्य करता है, जो इसका अध्यत्त है . ओर जिस व्यापक में यह सब जगत्‌ उत्पत्ति, स्थिति ओर छय को प्राप्त होता है, वही पण्मात्मा है, उसको तुम जानो , ओर दूसरे किसी को ( जड़ प्रकृति आदि को ) सशिकर्ता मत मानों। उपनिषदु भी यही कहते ই: কক (क) > >>> ~ - #न नट ধক रै कद 9




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