इसराइल | Israil
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
170
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दर्द का रिश्ता ९
दो टान खीच जलाल के हाथमे देगयो। फटे कम्बल म लिपदी
अरियम की बेटी कभो-कभी कुनमुना रही थो। मरियम और जलाल
दोनों चाय पो रहे थे। मरियम टोन के मग में चाय पी रहो थो और
वह अलमुनियम के पिचके गिलास में । जलाल ने पहली बीड़ो से दूसरी
बोड़ी सुलगा कर पहली बीड़ी का बचा दुकड़ा मरियम को दे दिया।
दोनों चाय और बीड़ो पी रहे थे। दहूटे छाजन के कोने से हवा का
हल्का झोंका भा जाता था भौर कमरे की मद्विम-तरल रोशनी काँप
जातो थी । जलाल ने कमोज के कालर को सरका कर कानों तक कर
लिया था। मरियम ने इधर-उधर देखने के बाद कहा, तुम्हें भोढ़ने के
বিহু বা ছু?”
जरूरी नहीं है। बिना चादर की शार्मे काटने की आदत है?
दोनों आमने-सामने बैठे रहे। एक-दूसरे को देखते रहे। जेसे दो
संग्राभरत व्यक्ति दिन भर एक-दूसरे से लड़ने के बाद इस समय हार-थक
कर एक दूसरे के सामने बेठे हों। दोनों के ही चेहरे पर संग्राम को
अकान और पराजय की हताशा है। जेप्ते संग्राम के दोनों प्रतिहन्द्रो
राजित पडो] तब विजय श्रो किते मिली?
“सब तरह से किसी को अपना बना लेने के लिए लड़ी गयी लड़ाई
में परिणामों के उलट-पुलठ जाने से असहाय गले की आवाज आर्तनाद
'भी न बन सकी, घुटतो घुटती खत्म हो गयी।
फटे कम्बल में लिपटो बच्चों अपना पाँव तान कर कॉपने लगी | मरियम
बच्ची को थपकी दे कर सुलाने लगी ।
जलाल ने जात्मीय और सहज ढंग से पूछा,'इसका बाप अब कहाँ है ??
“जेल में !!
“कितने दिनों के लिए ?*
इस बार जनम মি জিত?
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