जानो और बूझो | JAANO AUR BOOJHO
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
18
श्रेणी :
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बलदेव राज दावर - Baldev Raj Davar
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)चलना मेरा काम
दुनिया में इनसे छोटे पुतले नहीं मिलेंगे,
हैंन के ये बराबर “न” नाम पा रहे हैं ।
हैं ऐटमों के छिलके) छिलके सरीखे हेल्के
ऐटम की गुठलियों के चक्कर लगा रहे हैं
जिन को इन्होंने त्यागा वे कक
जिन को इन्हों ने
। | थ था थामा वे 'न'- कहला (रहे हैं
2०. दर
” हां? से भागते हैं 'न” न” से हट रहे हैं
” “न'समीप होकरं चिप-चिप्-चिपां रहे हैं
इसे पूंछ से लपेटें उसे टांग से घसीटे
में ऐटमों श तों की गांठें लगा रहे हैं ।
“ ऊंची जगह से, मानो, नीचे को आ रहे हैं
प्रश्न : हम किन बुतों की, बच्चो, गाथा सुना रहे हैं ?
उत्तर : इलेक्ट्रॉन इनको कहते, लक्षण बता रहें हैं ।
जानो और बूझो
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