कौटिल्य अर्थशास्त्र | KAUTILYA ARTHSHASTRA

KAUTILYA ARTHSHASTRA by कौटिल्य 'चाणक्य' - Kautilya 'Chankaya'पुस्तक समूह - Pustak Samuh

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कौटिल्य 'चाणक्य' - Kautilya 'Chankaya'

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विषय पृष्ठ सख्या रू ७.५ १३--दुगेलभ्मोपाय ५४०४-४५८५ उपजाप ' ५8७ योगवामन . ७ क शूढपुरुषोंका शब्रुदेशम् नियाल . ण्ण््‌ - शत्रुक द्वगकों घरना, तथा शतक दुर्यक्षा अध्छाद... ० चिजित दुग आदिम शास्ति स्थापित करना ८० १४--ओपानिषदिक ५८६-.६२० परघात्त श्योग प्ट्ध प्ररस्भनम अदुभुतोत्पादन रद प्रत्म्भनर्म भपज्यमन्त्रयोग द्व्ण्ण शत्रुके करा अपनी सेनापर कियेगये घासक प्रयोगों का प्रतीकार ध्र्ड !५--त्स्त्रयुक्ति ६२१-६२७ तन्च्रयुक्ति ६२१




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