सॉरी , बेस्ट फ्रेंड | SORRY BEST FRIEND

Book Image : सॉरी , बेस्ट फ्रेंड  - SORRY BEST FRIEND

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

गीता हरिहरन - GEETA HARIHARAN

No Information available about गीता हरिहरन - GEETA HARIHARAN

Add Infomation AboutGEETA HARIHARAN

पुस्तक समूह - Pustak Samuh

No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh

Add Infomation AboutPustak Samuh

शमा फतेह अली - Shama Fateh Ali

No Information available about शमा फतेह अली - Shama Fateh Ali

Add Infomation AboutSHAMA FATEH ALI

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
थे कि उन्हें हड्डियों का एक बड़ा सा ढेर दिखाई दिया। तीन विद्वानों ने कहा, “यहीं एक मौका है दुनिया को दिखाने के लिए कि हम किठलने ज्ञानी हैं। देखो! यहाँ काफ़ी पहले कोई चीज़ मर गईं थी। हम उसे फिर से ज़िंदा करा सकते हैं।” पहले ने सही आकार में हड्डियाँ जमा कीं। अपने कारनामे पर खुश हो कर दूसरे से बोला, “अब तुम्हारी बारी है।'' दूसरे विद्वान ने गर्व से कहा, “ये देखो।” उसने हड्डियों के ढॉचे को माँस, खून और खाल दे दिए। तीसरे ने शेखी मारी, “अरे यह तो कुछ भी नहीं है। मैं हाड़-मॉँस के इस ढेर में जान डाल सकता हूँ।” यह कहने के साथ ही वह अपने कहे को कर दिखाने के लिए आगे बढ़ा। तभी चौथे दोस्त ने, जिसे वे बेवकृफ़ समझते थे, उन्हें टोका। “रुक जाओ,'' वह चिल्‍लाया। “यह कोई भयानक जानवर लगता है। बल्कि मुझे तो लगता है कि यह शेट है। तुम उसमें दुबारा जान क्यों डाल रहे हो? तीनों विद्वानों ने उसकी बात को हँसी में उड़ा दिया। “तुम इसके बारे में जानते ही क्या हो?” उन्होंने पूछा। “हम सारी दुनिया को और किस तरह दिखाएँगे कि हम कितने पहुँचे हुए हैं?” उनका दोस्त समझ गया कि ये अब किसी भी तरह मानेंगे नहीं। “ठीक है, तुम्हारी जो मर्ज़ी हो करो। लेकिन पहले मुझे पेड़ पर चढ़ जाने दो,” उसने कहा और पास के एक ऊँचे पेड़ पर चढ़ गया। उसने पत्तियों के बीच में से नीचे झाँक कर देखा। तीसग विद्वान शेर में फिर से जान डाल रहा था। लंबी नींद के बाद जागते ही भूखा शेर दहाड़ के साथ एक के बाद एक तीनों विद्वान पर झपटा। जब तक शेर का पेट भरा, वहाँ हड्डियों का 26 22 है /7//77 का 82 है.8/27 ' है १2४८




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now