अल्बर्ट आइन्स्टीन - बीसवीं सदी की महान प्रतिभा | ALBERT EINSTEIN - BEESVEEN SADI KI MAHAN PRATIBHA

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आशीष उपाध्याय - AASHISH UPADHYAY

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पुस्तक समूह - Pustak Samuh

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पैट्रीशिया लेकिन - PATRICIA LAKIN

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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उनका विचित्र व्यवहार (उन्होंने एक तस्वीर के लिए अपनी जीभ बाहर निकाली थी) इसका कारण था, या कुछ और बात? अल्बर्ट आइंस्टीन बच्चों की कल्पना शक्ति और जिज्ञासा में विश्वास करते थे. वह अपनी खुद की कल्पनाशक्ति और जिज्ञासा को अपनी सफलता की वजह मानते थे. अल्बर्ट आइंस्टीन का निधन 1955 में, प्रिंसटन, न्यू जर्सी में हुआ. तब वह 76 साल के थे. आज भी लोग अल्बर्ट आइंस्टीन की सफलता को बहुत बड़ा मानते हैं. उनकी खोजों की वजह से हमारे रहन-सहन के तौर-तरीकों में गहरा बदलाव आया और दुनिया को देखने के हमारे नज़रिए में भी. अल्बर्ट एक मामूली कंपास के काम करने के ढंग से प्रेरित हुए. आगे चलकर उन्हें दुनिया के काम करने का रहस्य ढूँढने में कामयाबी मिली. उन्हें आशा थी कि उनका काम भविष्य के वैज्ञानिकों को दुनिया के अनेक रहस्यों को उजागर करने में मदद करेगा. कया पता उन वैज्ञानिकों में से कोई एक आज एक प्राथमिक विद्यालय में पढ़ रहा हो.




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