अर्थशास्त्र | ECONOMICS

ECONOMICS by जीन पियरे पेटिट - JEAN PIERRE PETITपुस्तक समूह - Pustak Samuh

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

जीन पियरे पेटिट - JEAN PIERRE PETIT

No Information available about जीन पियरे पेटिट - JEAN PIERRE PETIT

Add Infomation AboutJEAN PIERRE PETIT

पुस्तक समूह - Pustak Samuh

No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh

Add Infomation AboutPustak Samuh

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
हम उन्हें ही इस समस्या का हल निकालने को कह सकते हैं। जब हमने यह धन जारी किया तो एक मछली की कीमत एक लोहे का टुकड़ा थी। हमने ज्यादा लालच किया और कीमतें काबू से बाहर हो गईं। बदकिस्मती से वे सब मारे जा चुके हैं। हमें जल्द ही टुकड़े बनाने बंद करने होंगे। माल अच्छा तो तुम इतनी सी मछलियां अच्छ +्‌ . पकड़ कर लाई हो। मछलियों की संख्या घटती जा रही है। अपने नुकसान की भरपाई के लिए मुझे कीमत दुगनी करनी होगी। एक मछली की कीमत टकड़ों के आठ हाथ। | क्या! एक मछली के लिए टुकड़ों के आठ हाथ ? ५ / ८ तुम्हारी मछली मंहगी होती जा रही है।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now