अरुणिमा - ख़ुशी की संभावनाएं | ARUNIMA - KHUSHI KI SAMBHAVNAYEN
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
14
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
जो चोपड़ा - JOE CHOPRA
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पुस्तक समूह - Pustak Samuh
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पर इस सबसे वो परेशान नहीं हुईं. उनके पास एक सपना था और उन्हें उम्मीद
थी कि अंत में सब कुछ ठीक-ठाक हो जायेगा.
ओर इत्तिफाक से, सब कुछ अच्छा ही हुआ.
आज अरुणिमा केंद्र जिसका नाम उन्होंने अपनी बहन के रूनी के नाम पर रखा
खूब फल-फूल रहा है. चौदह किशोर और व्यस्क, वहां पूरे समय रहते हैं (उनमें से
एक, दिन में स्कूल जाता है). साथ में देखभाल करने वाले चौदह स्टाफ भी हैं.
ऐसा लगता है जैसे एक मरीज़ पर एक स्टाफ हो. पर ज़रा गहराई से सोचें. स्टाफ
को यह काम हफ्ते के सातों दिन, चौबीसों घंटे करना होता है. केवल माता-पिता ही
इस तरह की मशक्कत कर सकते हैं. ऐसे सामूहिक केंद्र, पेशेवर लोगों के सहारे
ही चलाये जा सकते हैं. यह लोग रोज शाम को अपने घर वापिस जाते हैं. उन्हें
काम के साथ-साथ खुद की ऊर्जा को भी संरक्षित रखना पड़ता है. ऐसे केन्द्र तभी
सुचारू रूप से चलते हैं जब वहां के पेशेवर स्टाफ, शिफ्ट के आधार पर काम करें,
और जहाँ स्टाफ की ज़रूरतों पर भी पूरा-पूरा ध्यान दिया जाये.
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