सीमा और विकास - सीमा का द्वन्द | ENERGY AND DEVELOPMENT - SEEMA'S DILEMMA

ENERGY AND DEVELOPMENT - SEEMA'S DILEMMA by अरविन्द गुप्ता - ARVIND GUPTAपुस्तक समूह - Pustak Samuhपॉल कुरियन - PAUL KURIAN

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अम्लीय-बारिश: अम्लीय बारिश या एँसिड-रेन कारखानों द्वारा वायुमंडल में सल्फर और नाईट्रोजन की गैसे छोड़े जाने के कारण पैदा होता है. यह गैसें बारिश में घुल जाती हैं और फिर पृथ्वी पर सलफ्यूरिक और नाईट्रिक-एँसिड के रूप में वापस गिरती हैं. इससे समुद्री जीवन और जंगल नष्ट होते हैं. इससे पर्यावरण पर अनेकों और दुश्प्रभाव भी पड़ सकते हैं. इन अम्लों से भारी धातु - कैडमियम और पारा ऐक्टिवेट होते हैं और जमीन के नीचे पानी को प्रदूषित करते हैं. वैसे एसिड-रेन से कई देशों का कम अवधि में ज्यादा नुकसान नहीं होगा परन्तु उससे सामान्य वातावरण जरूरी प्रदूषित होगा. पेट्रोल में बहुत अधिक लेड या सीसे की मात्रा भी प्रदूषण का एक स्रोत्र है. हवाओं के जरिए यह प्रदूषण दूर-दूर तक फैलता है. एँसिड-रेन हमें बताता है कि विकसित देशों ने विकास का जो पथ चुना है वो सही नहीं है. अब विकासशील देश उसी मॉडल की नकल कर रहे हैं. जहरीली गैसें बारिश में मिलकर उसे अम्लीय हू 2० नं सल्फर और बनाती हैं _..._ नाईट्रोजन #-टप्आाईजण.. आम आक्साईड कक 3० 2. हा 224 2// ५५ रे ॥0॥ हा १६ (०:““*-॥ 5 4 कक अम्लीय बर्फ पिघलने / के अल क से पेड़ नष्ट होते हैं हि मछलियां मरती हैं न ड्प अच कुछ काईयां (शैवाल) अम्लीय पानी में फलते-फूलते हैं




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