डूबा हुआ किला | DOOBA HUA KILLA
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8 MB
कुल पष्ठ :
97
श्रेणी :
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पुस्तक समूह - Pustak Samuh
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संजीव जैसवाल 'संजय'- SANJIV JAISWAL'SANJAY'
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)“दुनिया में असंभव नाम की कोई चीज नहीं होती है। उसका अड्डा चाहे पाताल में क्यों न
हो हम उसे ढूंढ़ निकालेंगे।” विपुल दांत भींचते हुए बोला |
“खूंखार डाकुओं से भिड़ना कोई बच्चों का खेल नहीं हैं। तुम लोग चुपचाप मेरे साथ घर
चलो ।” दिवाकर अंकल ने समझाने की कोशिश की ।
“सॉरी अंकल, हम लोग आपके साथ नहीं चल पाएंगे। हम अपने दोस्तों को दूंढ़ने जा रहे
हैं।” विपुल ने कहा और जिस ओर डाकुओं की जीप गई थी उधर चल दिया।
यह देख दिवाकर अंकल ने उसका हाथ पकड़ लिया और तेज स्वर में बोले, “तुम लोग पागल
हो गए हो क्या? मैं इस तरह तुम्हें अपनी जान जोखिम में नहीं डालने दूंगा ।''
अंकित ने इस बीच गाड़ी के भीतर रखी लाल सिंह की बंदूक को उठा लिया था और उसकी
नाल को अपनी गर्दन पर टिकाते हुए चीख पड़ा, “हां अंकल, हम लोग पागल हो गए हैं और
अगर आपने विपुल को नहीं छोड़ा तो मैं खुद को गोली मार लुंगा । '
अंकित की उंगलियों का कसाव धीरे-धीरे बंदूक के ट्रेगर पर बढ़ रहा था। यह देख दिवाकर
अंकल की हालत खराब हो गई। उन्होंने घबड़ा कर विपुल का हाथ छोड़ दिया। हाथ छूटते ही
विपुल तेजी से भाग लिया। उसके पीछे-पीछे हाथ में बंदूक थामे अंकित भी दौड़ पड़ा | दिवाकर
अंकल बेबसी से अपना सिर पीट कर रह गए।
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