आओ एक बनाएं चक्कर | AAYO EK BANAYEN CHAAKAR
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
460 KB
कुल पष्ठ :
19
श्रेणी :
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तेजी ग्रोवर - TEJI GROVER
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अमल. -नानााभ 3 हन-ाान-न पाना धंधा नम ना.
कही पे खा ली एक गाय ने तीखी-तीखी घास,
मत पूछो ये मुझसे कैसी लगी थी उसको प्यास।
दो घूंट में पीया उसने, कुंआ भर के पानी,
लेकिन देखो बात अजीब, प्यास अभी न मानी।
कुआ छोड़ के भागी गाय, नद्दी में मुंह डाला,
तीन घूंट में, देखो उसने, तट खाली कर डाला।
नदी छोड़ के निकली थी वो दूर समुन्दर पार,
एक घूंट तो ले चुकी है, अभी बचे हैं चार।
सुबीर शुक्ला
मुर्गी बोली कुकड़-कं
मुर्गी बोली कुकडू-कूं
अपना अंडा किसको दूं?
जो पैसे दे उसको दूं।
मुर्गे की चाल
मुर्गे की थी कलगी लाल
पर उसकी थी लंगड़ी चाल
मां ने घर से दिया निकाल
अवधेश कुमार
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रज्जू और कदृदू
रज्ज् के बेटे ने
मिट्टी के ढेरों में
कद्दू के कई बीज
बोये, बोये, बोये।
रात का अंधेरा था
चूहों का डेरा था
दो चूहे बीज खाने
गये, गये, गये।
सुबह को न ढेर थे
न कद्दू के बीज थे
दो चूहे मोटे हो के
सोये, सोये, सोये।
प्रतिभा नाथ
बकरी
अरे, अरे, क्या करती बकरी
घास पराई चरती बकरी
बकरी बकरी उधर न जा
इधर चली आ, आ.आ आ
वहां पकड़ ली जाएगी
में-में-में चिल्लाएगी
निरंकारदेव सेवक
30
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