प्रकाश बत्ती का रासायनिक इतिहास | CHEMICAL HISTORY OF A CANDLE

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प्रेम सागर - PREM SAGAR

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माइकल फैराडे - MICHAEL FARADAY

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भूमिका शा जटिल यंत्रों एवं उपकरणों से भरी प्रयोगशाला का चित्र सामने आ जाता है, जिसमें अनेक वैज्ञानिक कहलाये जाने वाले “विचित्र' व्यक्ति कार्यरत है। वास्तव में यह आवश्यक नहीं है। वैज्ञानिक शिक्षा के बिना भी, ऐसे प्रयोग किये जा सकते हैं जिनके द्वारा चिर-मायावी प्रकृति से अनेक प्रश्नों क॑ उत्तर मिल सकते है। कौन कह सकता है कि ऐसे ही प्रयोगों के माध्यम से कब किसी नये फेराडे का जन्म हो, जिसके उपकरण अत्यंत साधारण थे, उदाहरणत: केवल कुछ रबर नालिकायें, प्रवाह-अवरो६ क (स्टाप कॉक), परखनलियाँ और स्प्रिट-लैप। हाँ, ऐसे साधारण उपकरणों से निष्कर्ष-पूर्ण प्रयोगों की अभिकल्पना के लिये विशेष सूझ-बूझ की आवश्यकता है। अनेक ऐसे महान वैज्ञानिकों ने, जिनके अनुसंधान कार्य ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की नींव रखी है, अत्यंत साधारण उपकरणों से अपने प्रयोग किये है। फेराडे ने भी ऐसा ही किया। कंवल एक पुरानी बोतल और रददी इमारती लकडी की सहायता से उसने एक स्थिर-वेद्युतीय उत्पादक निर्मित किया। इसके माध्यम से उसने विद्युत संबंधी कुछ धारणाओं का परीक्षण किया। हमारा सोभाग्य हे कि ऐसे अनेक आरम्भिक महान वैज्ञानिकों ने अपने अनुभवों के वितरण के लिए व्याख्यानों का सहारा लिया, जो बाद में पुस्तक रूप में छपे या उन्होंने स्वयं पुस्तकें लिखीं। इनमें से अनेक पुस्तकें ऐसी हें, जिन्हें उन सब व्यक्तियों, को जो प्रायोगिक विज्ञान का आध् गरभूत ज्ञान सीखना या सिखाना चाहते हैं, बार-बार पढ़ना चाहिये। 'प्रकाश बत्ती का रासायनिक इतिहास' फैराडे ने पुस्तक के रूप में नहीं लिखी। यह उनकी एक व्याख्यान-माला का आशुलिपि-बद्ध अभिलेख है, जो उन्होंने किशोर श्रोताओं के समक्ष 1860-61 की किसमस की छुटिटयों में दिये। इसमें उन्होंने प्रायोगिक प्रदर्शन भी प्रस्तुत किये। वैज्ञानिक अध्ययन में




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