रमा के तारे | RAMA KE TAARE

RAMA KE TAARE by आदिशेष ढौंडियाल - ADHISHESH DHAUNDIYALपुस्तक समूह - Pustak Samuhमाला अशोक - MALA ASHOK

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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उस रात आकाश में तारे नहीं दिख रहे थे। दादीमाँ ने आकाश की तरफ़ इशारा किया, “देखो मैंने आकाश के सारे तारे तोड़ लिए और उनमें से सबसे अच्छे तारों से तुम्हारे बुन्दे बनवा लिये,” दादीमाँ बोलीं।




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