चकित करे फिबोनाची | CHAKIT KARE FIBONACCI

CHAKIT KARE FIBONACCI by पुस्तक समूह - Pustak Samuhरिषी माथुर - RISHI MATHURसोनाली चिन्नैयाह - SONALI CHINNAIAH

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रिषी माथुर - RISHI MATHUR

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सोनाली चिन्नैयाह - SONALI CHINNAIAH

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ला हि 28 | आ 1. 38 1 &ज हा |] _| || 7 1 अब इस रेखा को आगे बढ़ाते हुए पहले 'ग्रिड' की तरह ही दूसरे और फिर तीसरे 'ग्रिड' तक बढ़ाते जाएं और 13 वर्गों वाले 'ग्रिड' तक ले जाएं। ऐसा करने पर वक्रीय रेखाओं की एक सुंदर बनावट, एक ख़ास तरह का 'पैटर्न' तैयार होता है जिसे 'फ़िबोनाची स्पाइरल' कहते हैं। फ़िबोनाची संख्याओं के वर्गों से बनने वाले इस सुंदर घुमावदार बनावट और कुदरती तौर पर पाये जाने वाले ऐसे ही 'पैटर्न' के बीच कहीं कोई रिश्ता तो नहीं? लगता तो है, क्योंकि बिलकुल वैसे ही फ़िबोनाची स्पाइरल प्रकृति में भी देखने को मिलते हैं! कहां? आइये देखें। और, यह भी कि मिलते भी हैं या नहीं?




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