कालिदास का संक्षिप्त इतिहास | KALIDAS KA SANSHIPT ITIHAS

KALIDAS KA SANSHIPT ITIHAS by पुस्तक समूह - Pustak Samuhश्रीलाल शुक्ल - Shrilal Shukl

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श्रीलाल शुक्ल - Shrilal Shukl

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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86/11/2016 विक्रमादित्य ने उन्हें अपना जामाता बना लिया था, वे सदाचारी थे, अपनी सदाशया पत्नी को छोड़ कर किसी और स्त्री के, नूपुर के अलावा, कोई और आभूषण तक न पहचानते थे, उनका स्वास्थ्य बड़ा अच्छा था, नब्बे वर्ष की अवस्था में उन्होंने 'हरि: ओम्‌ तत्सत' कह कर शरीर छोड़ा, आदि-आदि। जो यह सिद्ध कर ले जाएँगे कि कालिदास के विषय में मेरी धारणाएँ असत्य हैं। पर इससे मुझे कोई दु:ख नहीं होगा, क्योंकि उस दशा में भी कालिदास एक आदर्श कवि बने रहेंगे। साथ ही मेरा बड़ा भारी लाभ होगा। अपनी स्थापनाओं के खंडित हो जाने और उनके भिश्या प्रमाणित होने पर भी मैं अमर हो जाऊँगा, क्योंकि बहुत-से इतिहासकार आज भी इन्हीं कारणों से अमर माने जाते हैं। शीर्ष पर जाएँ 44




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