क्या आप जानते हैं ? | KYA AAP JANTE HAIN

KYA AAP JANTE HAIN by निरंतर - NIRANTARपुस्तक समूह - Pustak Samuh

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

निरंतर - NIRANTAR

No Information available about निरंतर - NIRANTAR

Add Infomation AboutNIRANTAR

पुस्तक समूह - Pustak Samuh

No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh

Add Infomation AboutPustak Samuh

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
जहां नींव हो पानी को घर बनाना हो तो सबसे पहले लोग जमीन जुटाते हैं। मगर कुछ लोग घर ज़मीन बिना ही बना लेते हैं। ये हैं मणिपुर राज्य के करीब पांच हज़ार मछुआरे | और मछुआरे भी कैसे ! ये पानी पर उगी घास पर ही घर बना लेते हैं। मणिपुर के लोकतक तालाब में दिखते हैं इनके घर। ये 'फूमदी' घर कहलाते हैं । फूमदी - यानी पानी में पाए जाने वाले पौधे और घास के झुंड | ये तालाब की ढीली मिट्टी से बंधे रहते हैं। घर बनाने के लिए फूमदी तालाब से जमा की जाती है। मजबूत घर के लिए चाहिए घनी घास की फूमदी। फूमदी को तालाब में जहां चाहे ले जाओ। इसे बड़ी-बड़ी लकड़ियों पर टिका दो। लकड़ियों को तालाब के तले तक पहुंचना चाहिए। और फिर इस पर खड़ा कर लो बांस का अपना घर। कभी तो बना बनाया घर भी खरीदा जा सकता है। वह भी तीन हज़ार रुपए में ! दो बातें जरूरी हैं। पहला, घर ठीक से टिका हो। वरना तूफान आने पर यह कहीं और पहुंच जाएगा। और बेचारे डाकिए की तो शामत समझो। चिट्ठी पहुंचाने के लिए पूरा तालाब ढूंढना पड़ेगा। ७ ७ ७ ७ & ७ ७ & ७ ७ ७ & ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ) 4 ७ ७0७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ & ७ ७ ७ ७ ७ # ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७ ७




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now