एक दोस्त सांप | EK DOST SAANP

EK DOST SAANP by गिरिजा रानी अस्थाना - GIRIJA RANI ASTHANAपुस्तक समूह - Pustak Samuh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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उड़ गए। वे वहां से भाग खडे हुए। चिड़ियों ने जब उन आदमियों को भागते हुए देखा, तो मारे खुशी के पागल होने लगीं। चूं-चूं, चीं-चीं और कांव-कांव के शोर से उन्होंने पूरा जंगल सिर पर उठा लिया। उल्लू दादा चुपचाप मुस्कुरा रहा था। जब आदमी बहुत दूर निकल गए, तब सांप चुपचाप अपने बिल की तरफ़ चल दिया।




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