बूझो तो जानें . न० 9 | MATHAPACCHI - NO. 9

MATHAPACCHI - NO. 9 by धर्म प्रकाश - DHARM PRAKASHपुस्तक समूह - Pustak Samuhमधु पन्त - MADHU PANT

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मधु पन्त - MADHU PANT

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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तीन पंक्ति में ऐसे रक्‍्खो भाई, हर पंक्ति में चार-चार सिक्‍के पड़ते दिखलाई | एक ताल ऐसा जादू का खिलते रहते उसमें फूल | हर दिन पहले दिन से दूने हो जाते हैं बढ़कर फूल । बारह दिन में अगर भर गया ताल फूलों से भरपूर, बोलो! कितने दिन में उसमें चौथाई भर पाएँ फूल?




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