साक्षात्कार - वी० एस० शास्त्री | INTERVIEW OF SRI V. S. S. SASTRY

INTERVIEW OF SRI V. S. S. SASTRY  by पुस्तक समूह - Pustak Samuhमनीष गौर - MANISH GORE

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

पुस्तक समूह - Pustak Samuh

No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh

Add Infomation AboutPustak Samuh

मनीष गौर - MANISH GORE

No Information available about मनीष गौर - MANISH GORE

Add Infomation AboutMANISH GORE

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
ओर कुछ कदम बढाए हैं की दृष्टि से बहुमृत्य हैं। 3 अ तीजे देखने को मिले हैं जो मेरे और विज्ञान संचार इकाई पाई के मान 227 को गतिविधि के माध्यम से साझाए मा के अपनी कार्यशालाओं में प्रयोगों को दिखाने जल के जा हि का इस्तेमाल करता हूं जो कि सस्ता और हर जगह लेकर बच्चो कम ऐसा संचार टूल है जिसके द्वारा विज्ञान और गणित को लिखा है और इस न फोबिया) निकल जाता है। मैंने गणित के कार्टून को लेकर भी कियाओ। पेय पर मेरी एक पुस्तक कर्नाटक राज्य विज्ञान परिषद्‌ ने प्रकाशित भी विज्ञान संचार की दिशा में आपकी योजनाएं क्या हैं में निकट भविष्य में अपनी कार्यशालाओं से जुड़ी वीडियो बम गत! जग रहा हूं। अगस्त्य इंटनेशनल के जुड़ी वीडियो यूट्यूब पर डालने की योजना बना विज्ञान हे पा नल के लिए गणित पार्क स्थापित करने की भी मेरी योजना है। गणित का के रे कप न न ता पार्क होगा। इसके प्रवेश द्वार को के सपना ' कर दिया है। यह बच्चों के लिए गणित के तीर्थ आपकी दृष्टि में समाज के किस समुदाय पर जाने-अनजाने में ध्यान नहीं दिया जाता रहा है? संक्षेप में इसकी आवश्यकता और महत्व को रेखांकित करें। प्राथमिक और मिडिल स्कूल के विद्यार्थी सर्वाधिक उपेक्षित रह जाते हैं। इन पर ध्यान नहीं दिया जाता। इन बच्चों को खिलौने बेहद आकर्षित करते हैं। तो फिर क्यों नहीं गणित और विज्ञान को खिलौनों के माध्यम से समझाया जाए। खेल खेल में इन विषयों से जुड़ी मूलभूत संकल्पनाएं उनके दिमाग में बैठ जाएंगी। मैंने ऐसे अनेक खिलौना मॉडल विकसित किए हैं। हमारे देश के तेजी से बदलते हुए सामाजिक आर्थिक परिदृश्य में विज्ञान संचार की भूमिका को आप किस प्रकार देखते हैं? समृद्ध समुदाय के पास विज्ञान और गणित की शिक्षा प्राप्त करने हेतु आवश्यक साधन और सुविधाएं होती हैं। मगर सवाल वंचित और निर्धन व्यक्तियों तक ज्ञान-विज्ञान को पहुँचाने को लेकर है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से ही वंचितों तक ज्ञान पहुँचाया जा सकता है तथा उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाया जा सकता है। यहीं पर विज्ञान संचार की भूमिका सामने आती है। जिस दिन देश का गरीब साधारण ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज के बीच के फर्क को समझ जाएगा, उस दिन देश में क्रांति आ जाएगी। वैश्विक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़ी प्रगति के नजरिये से हमारे देश में भावी विज्ञान संचार का रोडमैप क्या होना चाहिए? विज्ञान और गणित का शिक्षण विज्ञान संचार से अलग है लेकिन ये एक दूसरे के लिए उपयोगी होते हैं | हमारे देश में गणित शिक्षण पर केंद्रित एक विश्वविद्यालय बनाए जाने की आवश्यकता है जहाँ पर विज्ञान संचार के माध्य से गणित शिक्षण को सुगम और सरल बनाने पर जोर दिया जाना चाहिए। / आपसे बात करके बहुत अच्छा लगा। इस सार्थक संवाद के लिए आपको 'इलेक्ट्रानिकी आपके लिए” परिवार और मेरी ओर से हार्दिक धन्यवाद ! आपको और 'इलेक्ट्रानिकी आपके लिए” परिवार को भी मेरी ओर से धन्यवाद एवं शुभकामनाएं | ##1900906)५ंद;/81[0#8891.90५.1# 909(68//9॥ 27 _- इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए ७11 ०अप्रैल 2018 समृद्ध समुदाय के पास विज्ञान और गणित की शिक्षा प्राप्त करने हेतु आवश्यक साधन और सुविधाएं होती हैं । मगर सवाल वंचित और निर्धन व्यक्तियों तक ज्ञान-विज्ञान को पहुंचाने को लेकर है | विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से ही वंचितों तक ज्ञान पहुँचाया जा सकता है तथा उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाया जा सकता है | यहीं पर विज्ञान संचार की भूमिका सामने आती है।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now