पेड़ आपस में कैसे बात करते हैं ? | HOW DO TREES TALK TO EACH OTHER

HOW DO TREES TALK TO EACH OTHER by आशुतोष भाकुनी - AASHUTOSH BAKUNIपुस्तक समूह - Pustak Samuhसुजैन सिमर्द - SUSSANE SIMARDH

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सुजैन सिमर्द - SUSSANE SIMARDH

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सभी जालों की तरह, माइक्रोराइजा के जाल में भी नोड और लिंक होते हैं. हमने यह नक्शा डगलस देवदार के जंगल के एक हिस्से में हर पेड़ और हर फफूंद के 019५ को जांच करके बनाया है. इस चित्र में गोले डगलस देवदार दर्शा रहे हैं जो नोड हैं, और सीधी रेखाएं फफूंद के रास्ते हैं, यानी लिंक. सबसे बड़े और गहरे रंग के नोड सबसे व्यस्त नोड हैं. हम इन्हें मुख्य पेड़ या प्यार से मम्मी पेड़ कहते हैं क्योंकि ये अपने नीचे उग रहे छोटे पेड़ों का ख्याल रखते हैं. और यह पीले गोले छोटे पौधे हैं जो बड़े मम्मी पेड़ों के जाल में उग रहे हैं. किसी जंगल में एक मम्मी पेड़ सैकड़ों पेड़ों से जुडी हो सकती है. हमें रेडियोएक्टिव गैसों से पता चला है कि मम्मी पेड़ अपने पास मौजूद अतिरिक्त कार्बन माइक्रोराइजा के जाल के जरिए नीचे उग रहे पौधों तक भेजते हैं. और इससे इन पौधे के जिन्दा रहने की सम्भावना चार गुना तक बढ़ जाती है. पा ३३१. बी पा 0 अर िट + | / | ३ है | 4 / // 1 का पं ः छउिलाल ला 3], 2010




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