मित्तो बकरी | MITTO BAKRI

MITTO BAKRI by अरविन्द गुप्ता - ARVIND GUPTAइसाक बाशेविस सिंगर - ISAAC B. SINGERपुस्तक समूह - Pustak Samuh

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इसाक बाशेविस सिंगर - Isaac B. Singer

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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हुए देखा था. इससे परिवार में ख़ुशी की एक ज़बरदस्त त्रहर दौड़ी. रुबिन ने उन्हें पूरी कहानी सुनायी - कैसे उसे एक घास का टीला मिल्रा और कैसे मित्तो ने उसे दूध पिलाया. उसके बाद से परिवार में सबने मित्तो को बेंचने का इरादा छोड़ दिया. अब क्यूंकि कड़ाके की सर्दी पड़ने लगी थी इसलिए लोगों को गर्म खाल्रों की ज़रुरत पड़ने त्रगी थी. इससे एरेन का धंधा चल निकला था. हनुक्का के त्यौहार पर रुबिन, मिरियम और एना ने मोमबत्तियां जलाने के बाद “ड्राईडील” नाम का वादययन्त्र बजाया. मित्तो अलाव के पास बैठी झिलमिल करती मोमबत्तियों और बच्चों को देखती रही. कभी-कभी रुबिन उससे पूछता, “मित्तो, क्या तुम्हें मेरे साथ घास के टीले में बिताये दिन याद हैं?” तब मित्तो मुस्कुराती और अपना सफ़ेद सिर हिलाते हुए कहती, “माँ ......” सिर्फ यह एक शब्द, उसके सारे विचार और प्यार बयां कर देते. ०२ नवम्बर २०१६




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