आदर्श विद्यार्थी | AADARSH VIDYARTHI
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
40
श्रेणी :
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पुस्तक समूह - Pustak Samuh
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मगरमच्छ ने क्रोधित होते हुए कहा, “मैं तुम्हें खाना चाहता हूँ।'
'इस मगरमच्छ से कैसे बचूँ?”' नंदरिया सोचने लगा। फिर उसे एक
उपाय सूझा।
उसने कहा, “मगरमच्छ भाई! मैं तुम्हारी इच्छा पूरी करूँगा। तुम
अपने मुंह को जितना खोल सकते हो खोल लो। मैं सीधा तुम्हारे मुँह
में कूद पड़ूँगा। पर तुम अपनी आँखें कसकर बंद कर लो। मेरे कदने
में ज़रा सी भी गलती हो गई, तो तुम्हारी आँखों को चोट लग
सकती है।'
बेवकूफ मगरमच्छ ने कस कर आँखें बंद कर लीं और अपना
मुंह पूरा खोल दिया। नंदरिया निशाना लगाकर मगरमच्छ की पीठ
पर कूदा और दूसरे किनारे पर पहुँच गया।
कथा झरना | 1 (+लाता। 10हां
आओ. चित्राकनः उमा कण्णास्वामी
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