छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा की दिशा , लक्ष्य और कार्यक्रम | CHATTISGARH MUKTI MORCH KI DISHA AUR KARYAKRAM

CHATTISGARH MUKTI MORCH KI DISHA AUR KARYAKRAM by cmssपुस्तक समूह - Pustak Samuh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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२. उद्योगपतियों को बाध्य किया जाये कि वे अपने अपने उद्योग से होने वाले लाभ का एक निश्चित हिस्सा संबंधित जिले में क्रषि को सिंचाई एवं पेय जल उपलब्ध कराने पर ख्चे करें | इंकार करने पर उद्योग का घरावन्दी किया जावे । न ठेकेदारी मजदूरों, असंगठित मजदूरों, बीड़ी मजदूरों, पत्थर तोड़ने और जंगल मे कार्यरत मजदूरों को संगठित मजदूरों का दर्जा देने का आन्दौलन परे छत्तीसगढ़ में एक सा बनाया जाय । ४... साम्प्रदायिकता, जातिवाद एवं पृथकताबाद के खिलाफ मे हर स्तर पर »नन्‍्दोलन किया जाये । ५१1 सामाजिक बराइयों, शराबखोरी एवं महिलाओं का निर्यात जुआ सद्रा इत्यादि के खिलाफ, हर स्तर पर आन्दोलन किया जाय । नह छत्तीसगढ़ी भाषा में गांव के स्तर पर शिक्षा का काम शुरु किया जाये, एबम गोडी, हल्बी, व छत्ती उगढ़ के अन्य वोलियों के रक्षा व विकास के लिये कदम उठाये जाय । ७. जंगल के उत्पादन में लाख, चिरौंजी, स्राल, बीज कुसुम, करंज कोंसा आदि के उत्पादन का उचित मृल्य देने के लिये सरकार एवं व्यवसायियों को बाध्य किया जाये । ४५ जंगल के उत्पादन एवं कृषि आधारित उद्योग लगाने के लिये सरकार एवं उद्योगपतियों को आन्दोलन के जरिये वाध्य किया जाय । 1 शराब की जायज एवं नाजायज भट्टियों को समाप्त किया जाये । 9०... आदिवासी क्षेत्र में वन विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारियों द्वारा शोषण एवं अत्याचार का सक्तिय रुप से विरोध किया जाये । ११... क्‍योंकि साहुकार एवं ठेकेदारों द्वारा गरीब किसानों की जमौनों कौ हेड़पा गया है, इसलिये इन वर्गों को एक इंच जमीन भी रखने का नैतिक अधिकार नहीं है । इन जमीनों को क्षेत्र के गरीब मजदूर किसान अपने कब्जे मे लें । १२. छत्तीसगढ़ मुक्नित मोर्चा की ओर से ग्रामीण विकास में रचनात्मक . प्रयोग कियें जायें । हक कोरंडम एवं टिन की तस्करी और निर्यात पर तुरन्त रोक लगाई जाये । १४ तेन्दू पत्ता कौ तुड़ाई चुनाई करने वाले मजदूरों को न्यूनतम वेतन दिलाने के लिये संगठित किया जाये । १५, छत्तीसगढ़ क्षेत्र में वंकल्पिक क्रषि जेसे रुई, गन्ना कौ पेदावार बढ़ाई जाये । १३६ मशीनीकरण का विरोध कर श्रम आधारित उद्योगों की स्थापना की जाये । ५७, “नर्बां अंजोर सांस्कृतिक मंडली कौ गांव-मांव मे शाखा खोली जाये, जिससे परम्परागत संस्कृति की रक्षा और विकास हो सके और बंबई फिल्मी संस्कृति पर अंकुश लगे । |, हर गांव मे पीने के पानौ का प्रबंध हेतु सरकार पर दबाब डाला: जाये । हर, टी .बी ., कुष्ठ रोग के बारे में सही आंकड़े संकलित किये जायें । एवं इन रोगियों को सरकार के द्वारा उपचार हेतु संगठित किया जाये । २०. इन तमाम रचनात्मक कार्यो को अमल मे लानें के लिये मुक्ति सेना का गठन किया जाये । 1




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