रेगिस्तान -पृथ्वी के शुष्क क्षेत्र | REGISTAN - PRITHVI KE SHUSHK KSHETRA

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सुबोध महंती -SUBODH MAHANTI

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अस्तावना “मैंने अनेक बार इस रेतीली धरती को पार किया है। लेकिन रेगिस्तान बहुत विशाल हैं, वहां क्षितिज कहीं दूर है जो किसी को बहुत छोटे होने का अहसास कराता है और यहां संभवतः खामोशी ही एकमात्र विकल्प है।” -- सहाय रेगिस्तान पर एक ऊंट चालक की टिप्पणी द एल्केगिस्ट” पाउलो कोहेलो महासागरों के बाद रेगिस्तान पृथ्वी के विशाल भाग को घेरे हुए हैं। जब हम पृथ्वी ग्रह अथवा इसके समूचे स्थाई तंत्र की चर्चा करते हैं तो हम रेगिस्तान की उपेक्षा हरगिज नहीं कर सकते हैं। महासागर के पश्चात रेगिस्तान ही संसार के सबसे बड़े पर्यावरण तंत्र की रचना करते हैं। टोनी एलन तथा एंड्र वारेन के अनुसार संसार की कुल धरती के 40 प्रतिशत भाग में ठंडे व गर्म रेगिस्तान फैले हुए हैं। यह आंकड़े बहुत सही न भी हों तो भी यह सत्य है कि भूमि का एक तिहाई भाग रेगिस्तान से ढका हुआ है। सामान्यतः अधिकतर मरुभूमि भूमध्य रेखा के दोनों ओर 30 अक्षांश पर स्थित, कर्क रेखा व मकर रेखा के निकट ही स्थित है। इन दोनों रेखाओं के मध्य के क्षेत्र को उष्ण कटिबंध कहते हैं। लगभग समस्त महाद्वीपों में रेगिस्तान स्थित हैं।




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