अन्तरिक्ष | SPACE
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
47
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
आशुतोष उपाध्याय - Aashutosh Upadhyay
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पुस्तक समूह - Pustak Samuh
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जब तक लोगों का यह पता नहीं था
कि सौर व्यवस्था किस तरह काम करती
है, वे ग्रहण लगने पर डर जाया करते
थे। लोग सोचते थे कि ग्रहण किसी
अनहोनी के संकेत हैं. आज हम जानते
हैं कि ग्रहण सूर्य या चंद्रमा जैसे किसी
एक आकाशीय पिण्ड से आने वाले प्र-
काश के किसी अन्य आकाशीय पिण्ड
द्वारा रुक जाने के कारण होते हैं. धरती
पर हम जिन ग्रहणों को देखते हैं, उनमें
चंद्रमा की भूमिका अवश्य होती है.
चंद्र ग्रहण में चंद्रमा से आने वाले प्र-
काश को पृथ्वी के एक हिस्से की छाया
रोक देती है. सूर्य ग्रहण में चंद्रमा पृथ्वी
से दिखने वाले सूर्य के नजारे को रोक
देता है. इस प्रक्रिया में जब सूर्य या
चंद्रमा पूरी तरह अदृश्य हो जाते हैं तो
इस स्थिति को पूर्ण ग्रहण कहते हैं. ऐसा
कभी-कभी ही होता है. ज्यादातर ग्रहणों
में सूर्य या चंद्रमा का थोड़ा-बहुत हिस्सा
दिखाई देता है. ऐसे में इन्हें आंशिक
ग्रहण कहा जाता है.
चंद्र ग्रहण
सूर्य ग्रहण
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