वेग गतियों का योग | VEG GATIYON KA YOG

VEG GATIYON KA YOG  by पुस्तक समूह - Pustak Samuhयाकोव पेरेलमन - YAKOV PERELMAN

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

पुस्तक समूह - Pustak Samuh

No Information available about पुस्तक समूह - Pustak Samuh

Add Infomation AboutPustak Samuh

याकोव पेरेलमन - YAKOV PERELMAN

No Information available about याकोव पेरेलमन - YAKOV PERELMAN

Add Infomation AboutYAKOV PERELMAN

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
जूल वेर्न के इसी उपन्यास से एक उदाहरण लें। आप निश्चय ही यात्रियों के आश्चर्य को नहीं भूले होंगे, जब उन्होंने मरे कुत्ते की लाश को बाहर फैंक दिया और देखा कि लाश वापस जमीनपर नहीं गिर रही है, गोले के साथ- साथ आगे चली रही है। उपन्यासकार ने इस परिघटना का सही वर्णन किया है और उसकी सही व्याख्या की है। शून्य में सभी वस्तुएं सचमुच समान वेगसे गिरती हैं : पृथ्वी का आकर्षण सभी वस्तुओं को समान त्वरण प्रदान करता है। हमारे उदाहरण में भी पृथ्वी का आकर्षण गोले और लाश दोनों को समान अभिपातन वेग (समान त्वरण) देता है। यदि और सही कहें तो, तोप से प्राप्त आरम्भिक वेग दोनों ही के लिए समान रूप से कम होता है, समान रूप से घटता है। इससे निष्कर्ष निकलता है कि पथ के हर बिन्दु पर गोले का वेग और लाश का वेग आपस में बराबर हैं। इसलिए गोले से फेंकी गई लाश उनके साथ चलती रहती है, उनसे पीछे नहीं छूटती। लेकिन उपन्यासकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया : यदि कुत्ते की लाश गोले के बाहर होने पर पृथ्वी की ओर नहीं गिरती, तो गोले के भीतर क्‍यों गिरती है? आखिर एक ही तो बल बाहर और भीतर काम कर रहा है! गोले के भीतर कुत्ते के शरीर को बिना किसी आलम्ब के रखने पर उसे जैसे का तैजे व्योम में लटक जाना चाहिए : उसका वेग बिल्कुल गोले के वेग के बराबर है, अतः गोले के सापेक्ष वह अचल रहता है। जो बात कुत्ते के लाश के लिए सही है, वही यात्रियों के शरीरों और गोले के भीतर अन्य सभी वस्तुओं के लिए सही है : पथ के हर बिन्दु पर उन सबका वेग वही है, जो गोले का है, अतः उन्हें गिरना नहीं चाहिए, चाहे वे निरालंब ही क्‍यों न हों। उड़ते गोले के फर्श पर खड़ी कुर्सी के पैरों को ऊपर कर के छत पर टिका दिया जा सकता है; वह 'नीचे' नहीं गिरेगी, क्योंकि वह छत के साथ-साथ आगे चलना जारी रखेगी। यात्री इस कुर्सी पर पैर ऊपर और सिर नीचे करके बैठा रह सकता है, पर फर्श पर गिरने की कोई प्रवृत्ति उसे महसूस नहीं होगी। कौन-सा बल उसे गिरने को बाध्य कर सकता है? यदि वह गिरती ही, अर्थात फर्श के निकट आने लगती, तो इसका अर्थ होता कि गोला कहीं अधिक वेग से चल रहा है, बनिस्बत कि यात्री (अन्यथा कुर्सी फर्श के निकट नहीं आती)। पर यह सम्भव नहीं है : हम जानते हैं कि गोले के भीतर सभी वस्तुएँ वही त्वरण रखती है, जो स्वयं गोले का है। उपन्यासकार ने इस बातों पर ध्यान नहीं दिया : उसने सोचा कि मुक्त रूप से गतिमान गोले के भीतर वस्तुएँ, जो सिर्फ आकर्षण बल के प्रभाव में हैं, अपने आलम्बों पर उसी तरह दबाव डालेंगी, जैसे गोले की अचलावस्था में डाला करती थीं। जूल वेर्न भूल गया कि पिण्ड और उसका आलम्ब एक दूसरे पर दाब नहीं डाल सकते, यदि वे व्योम में गतिमान हैं और समान त्वरण रखते हैं, जो उन्हें आकर्षण बल द्वारा मिल रहा है (अन्य बाह्य बल -वायु) का संवाहक व प्रतिरोधी बल-अनुपस्थित हैं)। निष्कर्ष निकलता है कि गोले के भीतर हवा में स्वतंत्र उड़ानें भरने के लिए यात्री उसी क्षण से भारहीन हो गए होंगे, जिस क्षण गोला गैसों के प्रभाव से बाहर निकला होगा। उन्हीं की तरह गोले के भीतर अन्य सारी वस्तुएँ भी भारहीन हो गई होंगी। भारहीनता के आधार पर यात्री सरलतापूर्वक निर्धारित कर सकते थे कि वे व्योम में उड़ रहे हैं या तोप की नली में ही स्थिर बैठै हैं। पर उपन्यासकार वर्णन करता है कि नभयात्रा के आरम्भ में आधे घण्टे तक लोग सिर खपाते रहे कि वे उड़ रहे हैं या जमीन पर ही पड़े हैं “- निकोल, हम उड़ भी रहे हैं, या नहीं? निकोल और अरदान ने देखा कि गोले में किसी प्रकार का कम्पन नहीं है। - सचमुच! हम उड़ रहे हैं या नहीं? - अरदान ने प्रश्न दुहराया। - या आराम से फ्लोरीदा की धरती पर लेटे हैं? - निकोल ने पूछा। - या मेक्सीकन खाड़ी के तल पर ? - मशेल ने जोड़ा। - इस प्रकार के संदेह स्टीमर-यात्रियों के मन में उठ सकते हैं, पर स्वतंत्र रूप से गतिमान गोले के यात्रियों के मन में नहीं : स्टीमर के यात्री का भार बना हता है, पर गोले में यात्री अवश्य ही ध्यान देंगे कि वे बिल्कुल भारहीन हो गए हैं। - यह गल्पित गोला-यान एक अजूबा सा नजर आएगा। यह एक नन्‍्हीं सी दुनिया होगी, जिसमें पिण्डों के भारनहीं होते, हाथ से छूट कर के गिरने की बजाए वहीं रूके रहते हैं, वस्तुएँ किसी भी स्थिति में सन्तुलन नहीं खोतीं, गिरे बोतल से पानी नहीं छलकता।... यह सब “चन्द्र-यात्रा' के लेखक की दृष्टि से 16




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now