माइकल फैराडे | MICHAEL FARADAY

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पुस्तक समूह - Pustak Samuh

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वन्दना मल्होत्रा - VANDANA MALHOTRA

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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युवती से विवाह कर लिया उसके पिता सैन्डीमैनियन चर्च के सबसे बड़े फादर थे और इसी चर्च का माइकल / खा, हि या #। ४ अनुयायी थे। वह रोजाना इस चर्च में जाते थे। यह हा जीत त प्र श ल कक, 10 कहा जाता हे कि माइकल के जीवन के दो ही आधार आम 2 प्र 3 के है का 2 ५ है थे -- उसका विज्ञान से लगाव व साराह से प्यार । उसी ताज की ५ साल में माइकल एक विद्युत की तार को चुम्बक के खंभे के चारों ओर घुमाने में समर्थ हो गए । उन्होंने गौर किया कि बेटरी को उनही दिशा में लगा कर जब विद्युत की दिशा उलटा दी जाती तो विद्युत तार भी उल्टी दिशा में ही घूमना शुरू कर देता है। फेराडे ने मोटर के मूल सिद्धान्त की खोज भी की । ॥॥)२ । | ॥ 2 मु: 5 औ पर + व ४1 1. 7200 श ! ५8 हा, रा ही] . हा है 4 9.2 (४ ह * >ह फ >्ञ 771 6/ दा 1 के ; रा | |] | (; [॥ ह 1४ 1! की, 'जै/ 2 / अित-म 220 रा! ६३ रह ध्दा. | | श || है 12८ 2] है ही 1 17) पेठ




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