ऊंट और सियार | OONT OR SIYAAR

OONT OR SIYAAR  by अज्ञात - Unknownपुस्तक समूह - Pustak Samuh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कुछ देर बाद सबने अपने अपने चित्र एक-दूसरे को दिखाए हर एक ने समुद्र तट को ही देखकर चित्र बनाए थे। मगर वास्तव में हर एक ने उसे अलग-अलग तरीके से चित्रित किया हुआ था। अब मैरी को एहसास हुआ, 'उस दिन दीपा ने ठीक ही कहा था। सबकी नजर एक सी नहीं, सोच एक सी नहीं और भी एक से नहीं हो सकते |' उत्साहित होकर मैरी ने अपना चित्र निकाला। उसके आधार | सब हैरान हो गए। “तुम कहानी अच्छी सुनाती हो,” सबने उसकी तारीफ करते हुए कहा। आज कल मैरी अपने मनपसंद चित्र बनाती है। चित्रों के जरिए बहुत-सी कहानियाँ सुनाती है। “७छ० | लोग उसकी प्रशंसा करें या ना करें, ् 3 हर मा | रा । । ) ध्यान नहीं देती। 0 | का कि ९६१३३) ३९६ $ के कै $ ४ ५ ३ १ १ $ $ 0) | | | | | | | | | १ ॥ + 9 अदा शन | ५ ६ ६ | + शीश कल (६ है है है है | है | है | | $ | है | | $ | ५ | | के ५ ॥ है] १ ॥॥ | 18) ॥ ॥ ॥ | ॥ ॥ | ५1, ५ 1 1 8 कथा झरना टीम 2008 4४1२ त् आंकर ४ ए >उतान+ वी विजयकांती २७|8|8/(91॥॥ 31719४858॥ चित्रांकन: एल एस सरस्वती एस .राजलक्ष्मी (॥३1018| 7001081101॥/ एस.पी राजू




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