सूर्य | SUN
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
69
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)फ्यूजीलामिया शहर, किजुओका प्रिफेक्चर में निजी घर पर 80 सौर बैटरियों का पैनल (१३ अग्रैल 19प8, पैनिकी
तैमाणा पन्र|
जिन प्राकृतिक ऊर्जा के साधनों का हमे उपयोग करते हैं, उन्हें भी सौर-ऊर्जा ने ही बनाया है।
जब सुर्य की घृप महाप्तागर को गर्म करती है तो समृद्द का पानी भाप बनकर हवा में उठकर बादज़
बनता है और उसी से हमें बारिश मिलती है। वर्षा के पानी से नदियां बनती हैं और नदियों से हमें
जल-ऊर्जा मिलती हैं।
जब सूरज की धृप से जमीन तफ्ती है त्ती हवा गर्म होकर ऊपर उठती है, और उसकी जगह ठंडी
हया लेती है। इस प्रकार सूर्य के कारण ही हवाएं चलती हैं और हंमारी पचन चक्कियों कौ ऊर्जा प्रदान
करती हैं। पौधे, सूर्य के प्रकाकज्ष में, पानी और कार्बन डोइआक्साइड को अपने बढ़ने के लिए ऊर्जा
में बदलते हैं। ज्ञाकाहारी जानवर इन पौधों को खाते हैं और मांसाहारी प्राणी इन ज्ञाकाहारी जानवरों
को खाते हैं। जैसाफि हम देखते हैं; सौर-ऊर्जा ही होक॑ प्राणी की ऊर्जा का म्लौत है। जलाने की लकड़ी,
कायला, और जानवरों का गोबर, जिसे मनुष्य ने हपेशा से ऊर्जा के लिए इस्तेमाल किया हैं, अन्न
में सौर-ऊर्जा के ही अलंग-अंल़ग रूप हैं। तेल और कोयला भी सौर-ऊर्जा के ही संचित भंडार हैं क्योंकि
ये ईंधन भी मृत पेड़ों और जीवों से ही बने हैं।
कोयले और तेल के भंडार छत्म हो जायेंगे परंतु सौर-ऊर्जा कभी नहीं खत्म होगी। हम दिन में
घृष के समय सूर्य की ऊर्णा का अवश्य इस्तेपाल कर सकते हैं। चौँकि धृष सभी जगह फैली होती
है, एक जगह केंद्रित नहीं होती, इसलिए उससे कोई क्षक्तिशाली ऊर्जा पैदा नहीं हो सकती है। जापको
शायद यह सौर-ऊर्जा की कमी लगे, परंतु धूप के इस विलक्षण गुण के बिना हम पश्ची पर जीवित
नहीं कह पाते।
सौर-ऊर्जा का आज और भ्रविष्य में कैसे उफ्योग होगा ?
सौर-ऊर्जा रूफ टॉप सौर इंकाई एक सरल सौ यूक्ति है जिसे पानी गर्म करने के लिए छत पर
लगा सकते हैं। जापान में आज पचास लाख रूफ टौप सौर इकाइयों का प्रयोग किया जा रहा है।
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