हिंदी की जिम्मेदारियां | HINDI KI ZIMMEDARIYAN

HINDI KI ZIMMEDARIYAN by डॉ जयंत विष्णु नार्लीकर - Dr. Jayant Vishnu Narlikarपुस्तक समूह - Pustak Samuh

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डॉ जयंत विष्णु नार्लीकर - Dr. Jayant Vishnu Narlikar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रबोधन की आवश्यकता है, जानकारी की आवश्यकता है; जो उसे वैज्ञानिक ही दे सकते हैं। कम से कम योग्य निर्णय लेने के लिए संबंधित तथ्य कौन-कौन से हैं इतना तो वैज्ञानिक स्पष्ट कर सकते हैं ताकि समाज सोच समझकर सही निर्णय ले। अतः विज्ञान और समाज के बीच की खाई उथली और सँकरी बनाने की जिम्मेदारी वैज्ञानिकों की है। जनसाधारण की भाषा में विज्ञान की खूबियाँ, उसकी खोजों का महत्व, तकनीक के धनात्मक/ऋणात्मक पार्श्प्रभाव आदि जानकारी देने में वैज्ञानिकों को हाथ बटाना चाहिए। हाथी दाँत की मीनार से उतरकर वैज्ञानिक जनसाधारण से वार्तालाप करने जाएँ। यह रोज रोज की बात नहीं। हफ्ते में एक दिन भी इस विज्ञान प्रसार के लिए कल्याणकारी साबित होगा। (हिंदी भवन, भोपाल में श्री नरेश मेहता स्मृति वाड़्ुमय सम्मान के अवसर पर आठवीं शरद व्याख्यानमाला में 29-1-2011 को दिया गया व्याख्यान )




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