हमारी खेती | HAMARI KHETI
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
110
श्रेणी :
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पुस्तक समूह - Pustak Samuh
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जिन वृक्षों की शाखाएँ लम्बी और नीचे झुकी
होती हैं उनके तल में जल मिलता है। (देखिए
चित्र क्र. 5)
फूलों और फलों का बेतरतीब होना भी पानी
का संकेत देता है।
जिस दीमक को हम खतरनाक समझते हैं
असल में वह किसान की मित्र ही है। जहाँ पर
दीमक होगी वहाँ बराबर पानी मिलेगा। दीमक
जमीन की गहराई से पानी ऊपर लाती है।
दीमक और वनस्पतियों का आपसी रिश्ता भी
होता है। ऐसी वनस्पतियाँ जिनकी जड़ें उथली
होती हैं वे अकसर पानी के पास होती है। वही
दीमक भी होगी क्योंकि दोनों का क्षेत्र एक ही
हैं (देखिए चित्र क्र. 6)
लवकुश घास और दीमक का गहरा सम्बन्ध
रहता है।
दीमक का ढ़ांचा एक मीटर ऊँचा और उसका
व्यासफल 6 मीटर होता है। उस ढ़ांचे के नीचे
पानी होता है। दीमक, पशुओं का गोबर, वृक्षों
और फसलों की छाल और अवशेष खाकर भूमि
को उर्वरा बनाती है।
4208 ७6 0४ ज बेड ०००१०००००००००००००००० ९» हमारी खेती : कल आज कल व लअ बाइक ० सटे बड'बाए डे गई बाबा धणथिलई
चित्र क्र.6 : इमली के पेड़ के नीचे दीमक की बाम्बी - नीचे भूजल का
स्पष्ट संकेत देते हुए कि दीमक किसान का शत्रु नहीं मित्र है। (संदर्भ-
ग्राउंड वाटर इन वराहमिहिर्स वृहत संहिता) -डॉ. इ.ए.वी. प्रसाद
दीमक की रानी उत्तर दक्षिण दिशा में ही सोती है। शायद पृथ्वी की चुम्बकीय शक्ति के कारण
उसे अपनी गलियाँ बनाने में आसानी होती हैं।
जल चटटानों के आसपास मेंढक, मछली, सांप, छिपकली, नेवला, कछुआ, बिच्छु और चूहे पाए जाते
हैं।
ब.१ भावमिश्र
भावमिश्र अकबर के जमाने का सोलहवीं सदी का विद्वान था। उसने 400 विद्यार्थियों को काशी में आयुर्वेद
पढ़ाया था। वह अंतिम भारतीय विद्वान था जिसने आयुर्वेद सिखाया। उसके बाद तो देश में यूनानी दवाइयाँ
शुरू हो गई। भावमिश्र ने चरक, सुश्रुत, वाग्भट, हरित तथा तांत्रिक के आयुर्वेद पाठ्यक्रमों से आयुर्वेद का
अध्ययन किया था। सुश्रुत का पहली शताब्दी का चरक का आयुर्वेद का कार्यकाल दूसरी शताब्दी (ईसा
पूर्व), वाग्मट का नवी शताब्दी का तथा भावमिश्र का 16 वीं शतांब्दी का रहा है। आयुर्वेद के साथ-साथ
भावमिश्र ने जल के प्रकार और उनकी गुणवत्ता पर भी अभ्यास किया था।
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