क्या में तुम्हे एक अच्छी किताब दूँ ? | KYA MAIN TUMHE EK ACHCHI KITAB DOON

KYA MAIN TUMHE EK ACHCHI KITAB DOON by उषा राव - USHA RAOटी० विजयेन्द्र - T. VIJYENDRAपुस्तक समूह - Pustak Samuhशैलजा काले - SHAILAJA KALE

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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हैं. उन पर फिर अखबार बिछाकर किताबों को जमा देने से किताबें रखने निकालने की एक अच्छी व्यवस्था बन जाती है. 15. किताबें बेचना अब आई बेचने की बारी. ये मैं तीन-चार तरह से करती हूं. (क) घर बैठे बिक्री - हम जहां भी हैं हमारे दोस्तों, रिश्तेदारों, पड़ोसियों और परिचित लोगों का एक बडा समूह है. जब भी कोई अपने घर आये तो उन्हें किताबें दिखाई, अपनी पसन्द की कुछ दिखाई था उनकी कोई विशेष रुचि हो तो चुनकर किताबें उनके सामने रख दी. वैसे हर व्यक्ति के लिए सही किताब चुन पाना एक बडा ही रोचक काम है. किताबों के बारे में अपनी जानकारी के खजाने को बढाना, लोगों की जरुरत पहचानना, और, लोगों और किताबों में सही जोडे जमाने के दिमागी कसरत में मजा तो आता ही है. साथ ही अच्छी किताब पाने पर कोई जब खुश होती है तो बहुत अच्छा लगता है. अब कुछ व्यापार व्यवहार की बातें भी कर लें. बाजार से एक छोटी बिल बुक खरीद के रखना और उसके हर पन्ने के ऊपरी हिस्से में अपनी दुकान का ठप्पा लगाकर रखना. कोई भी किताब उधार में मत्त देना, अगर कोई कहे कि देखकर वापिस लौटा देंगे ती भी मना कर देना. अगर कोई कहे पैसे कल दे देंगे तो कहना कि किताबें भी कल ही ले जायें. बात ये नहीं कि लोग पैसे नहीं देना चाहते या हम उनपर विश्वास नहीं करते. परन्तु लोग सिर्फ पैसे देने के लिए आने का कष्ट नहीं उठाते. ऐसे नियमों को शुरु से ही स्थापित करना बहुत जरुरी होता है नहीं तो किताबों की दुकान कुछ ही दिन में घाटे में चलकर बंद हो जायेगी. हर किताब बेचने पर उसकी रसीद जरुर काटना और हिसाब की किताब में बिक्री तुरन्त दर्ज कर देना. (ख) डाक से बिक्री - कभी कभी दूर के लोगों तक जानकारी पहुंच क्‍या मै तुम्हें एक अच्छी किताब दूं ? जाती है और लोग डाक से किताबें मंगाना चाहते हैं. मांगी हुई किताबों का बिल, अंदाजन डाक खर्च जोड कर बिल भेज देना. साथ में ये भी लिखना की दुकान के नाम पर डी.डी या मनीआड्डर भेजें. डी.डी या मनीआर्डर मिलने पर किताबों का पार्सल बनाकर भेजना. किताबों पर कागज लपेटकर बांधते समय ऐसे बांधना कि लंबी यात्रा और उठा पटक में नही खुले. और ये भी ध्यान रखना कि एक तरफ खुला दिखे. ऐसे किताबों के पार्सल में डाक खर्च कम लगता है, (ग) पुस्तक प्रदर्शनी - किताबों को बेचने का सबसे अच्छा तरीका है प्रदर्शनी लगाना. प्रदर्शनी से एक तो हमारे संपर्क का दायरा बढता है. पाठकों को बहुत सारी किताबे एक साथ देखने को मिलती हैं. इससे धीरे धीरे किताबें देखने खरीदने का माहौल भी बनता है, बिक्री कहीं अच्छी होती . है और कहीं कम. लोगों का किताबों से परिचय बढाना अपने आप में एक _ ि्ष्नसस सर मे | । हक हा ; हक ॥1 (| | 1 || या ताक ८4८23 2८ ““नतमझुइ चुने छ्ण्क वीजा है / हि एल न / 7 ---- ।$ | । ' + (| 1 | 1 1 | | | | | ] ना पी मनन प् शौकिया किताबों की दुकान




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