एक दाना चावल | EK DANA CHAWAL

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पुस्तक समूह - Pustak Samuh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भाई 2: पेटी में एक वस्तु लुढ़क रही थी। उससे मैंने अनुमान लगाया कि वह चीज गोलाकार है| भाई 3: मैंने आपके बगीचे में अनार लगे हुए देखे। पेटी में एक ही चीज रखी गई थी और वह गोल थी, मैंने अंदाज़ा लगाया कि वह अनार ही होगा। राजा : आप लोग सचमुच बहुत चतुर हैं। अब आप यह भी बता दीजिए कि ऊेँट के बारे में आप ने केसे पता लगाया? भाई 1: उॉट के पैरों के निशान से मैंने समझ लिया कि वह उसी रास्ते से गया होगा । भाई 2: सड़क पर दाईं ओर लगे हुए पौधे और घास रीौंदे हुए थे। बाई ओर के पौधे वैसे के वैसे थे। इससे मैंने अंदाज़ा लगाया कि ऊेट को बाई आँख से नहीं दिखता | भाई 3: सडक पर एक स्थान पर उेट के पैर मोडकर बैठने के निशान श्र | पास में एक महिला की चप्पल के निशान भी थे | राजा : वाह भाई | आपकी होशियारी तो सचमुच तारीफ के काबिल है। आप लोगों ने ऊँट की चोरी नहीं की है। वह ऊँट कहीं और गया होगा। मुझे बहुत खुशी होगी अगर आज से आप इसी प्रदेश में रहें और बेहतर शासन करने में मेरी मदद करें | उसबेक देश की कहानी कि शक किया बज हो कर. 8 कथा झरना टीम 2008 क्‍ जो « पी सरस्वती वीं विजयकांती रि3]9|81(91॥11 9111985व॥॥ चित्रांकनः एल.एस.सरस्वती एस.राजलक्ष्मी |॥811018| 700109101 एस.पी राजू




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