सुलेमान - एक जंग-लगी कील | SULEMAAN - EK ZANG LAGEE KEEL

SULEMAAN - EK ZANG LAGEE KEEL by पुस्तक समूह - Pustak Samuhविलियम स्टिग - WILLIAM STEIG

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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| ). तल 3 2) सुलेमान ने सोचा, चलो, अब मैं खतरे से बाहर हूँ. और वह फिर से खरगोश बन गया. शायद उसने इसमें कुछ जल्दबाजी की. बिल्ली ने जाते-जाते एक बार फिर पीछे मुड़कर देखा तो सुलेमान खड़ा था. वह तुरंत तेजी से वापस आई. बेचारे सुलेमान को अपने दुश्मन के सामने ही खुदको कील में दुबारा बदलना पड़ गया. यह तो बड़ी बढ़िया तरकीब है, कहते हुए उसने सुलेमान को अपनी जेब में रखा और घर की तरफ चल पड़ी.




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