लड़का क्या है ? लडकी क्या है ? | LADKI KYA HAI, LADKA KYA HAI

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कमला भसीन - KAMALA BHASIN

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पुस्तक समूह - Pustak Samuh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सामाजिक लिंग भेद ही लड़के-लड॒की, औरत-मर्द में गैर-बराबरी पैदा करता हे। समाज (या हम सब जो समाज का हिस्सा हैं) कहता है - पुरुष उत्तम या बेहतर है, स्त्री कमतर है। जो काम पुरुष करते हैं उसकी मजदूरी ज्यादा है, औरत के काम की कम, या बिल्कुल नहीं। मर्द सत्तावान है, औरत सत्ताहीन है। प्रकृति गैर-बराबरी की बात नहीं करती। वह सिर्फ प्रजनन के लिए. औरत और मर्द को अलग अंग देती हे। उस से ज्यादा कुछ नहीं। भेद-भाव, ऊंच-नीच, अलग तौर-तरीके इंसान या समाज, यानि हम सब बनाते हें। अमीर-गरीब, ब्राहमण-शूद्र, गोरे-काले, औरत-मर्द, का फक॑क प्रकृति ने नहीं, समाज ने बनाया है।




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