ब्रेमेन के संगीतकार | BREMEN KE SANGEETKAR

BREMEN KE SANGEETKAR by एन जंगमेन - ANN JUNGMANपुस्तक समूह - Pustak Samuh

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एन जंगमेन - Ann Jungman

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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चोर खून से लथपथ, काँपता हुआ वहाँ से भागा और जैसे-तैसे बाक़ी चोरों के बीच जा पहुँचा। “देखो सरदार, उस मकान में कभी भूल कर भी वापिस नहीं जाना। उसमें एक बड़ी भयानक चुडैल रहती है। देखो, उसने मेरा क्‍या हाल किया...। देखो, उसने मुझे किस तरह से अपने लम्बे नाखूनों से नोंचा-खरोंचा। बात यहीं ख़त्म नहीं हुई। उसके बाद जो कुछ हुआ वह इससे भी बदतर था। पिछले दरवाज़े पर एक आदमी तैनात था। उसने एक धारदार चाकू मेरी टाँग पर कसकर मारा।” “नहीं!” सारे चोर डर कर एक-साथ चिल्लाये। “हाँ,” अपनी बात के सबूत में उसने उन्हें खून से सनी अपनी टाँग दिखायी। “और मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। बाहर आँगन में एक भीमकाय राक्षस था जिसने मुझे एक गदा से मारा। देखो, मेरे शरीर को चोटों को देखो। आज रात तो मेरी खूब दुर्गति हुई। “लगता है, मकान के अंदर तुम्हें बहुत मुसीबतें उठानी पडीं!” चोरों के सरदार ने कहा। “आप ठीक कहते हैं,” चोर ने दर्द से कराहते हुए कहा, “और अभी आपने आखिरी बात तो सुनी ही नहीं। वहाँ बाड़े पर एक जज बेठा था जो बार-बार एक ही बात चिल्ला रहा था--उन बदमाशों को मेरे पास लाओ!”




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