बीनू का सपना | BEENU KA SAPNA - PLAY ON THE ENVIRONMENT
श्रेणी : बाल पुस्तकें / Children
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
68
श्रेणी :
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लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
अखिलेश श्रीवास्तव "चमन"- Akhilesh Shrevastav "Chaman"
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पुस्तक समूह - Pustak Samuh
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)“अच्छा तो सुनो हम तुम्हे विस्तार से बताते है कोई भी
प्राणी जब साँस लेता है तो अपने अन्दर वायुमंडल से आक्सीजन
खींचता है! यह आक्सीजन हृदय में एकत्र रक्त में घुल जाता है
ओर रक्त के प्रवाह के साथ रक्त नलिकाओं के माध्यम से पूरे
शरीर में पहँच जाता है। इस आक्सीजन के द्वारा ही अंगों को
ताजगी और काम करने की शक्ति प्राप्त होती है। विभिन्न अंग रक्त
में घुले इस आक्सीजन को ले लेते हैं और उसके बदले में दूषित
वायु यानी कार्बन डाइ आक्साइड छोड़ देते हैं। यह दूषित वाय
रक्त नलिकाओं से होती हुई पुनः वापस हृदय और वहाँ से फेफड़ों
तक आती है। जब तुम अन्दर से बाहर की तरफ साँस छोड़ते हो
तो यह बाहर निकल आती है। हम पेड़-पौधे इस जहरीली गैस
कार्बन डाई आक्साइड को अपने अन्दर सोख लेते हैं और उसे
आक्सीजन में बदल देते हैं। यही नहीं कल-कारखानों तथा मोटर,
गाड़ी आदि विभिन्न प्रकार के वाहनों द्वार भी वातावरण में भारी
मात्रा में जहरीली गैसें छोड़ी जाती हैं। हम पेड़-पौधे उसे भी सोख
लेते हैं। इस प्रकार हम पेड़-पौधों के कारण ही इस वायुमण्डल में
प्राण-वायु आक्सीजन तथा कार्बन डाइ आक्साइड आदि जहरीली
गेसों के मध्य संतुलन बना रहता है। अगर पेड़ों का कटना इसी
प्रकार जारी रहा तो एक समय ऐसा भी आ सकता है जब वायु
मंडल में सिर्फ जहरीली गैसें ही रह जाएंगी और प्राणियों के साँस
लेने के लिए शुद्ध हवा भी न मिल सकेगी।”
“हाँ। यह बात तो है बरगद दादा। अगर सचमुच वायुमण्डल
से आक्सीजन समाप्त हो गया तब तो जीवन भी असंभव हो
जाएगा। लेकिन आपकी एक बात मेरी समझ में नहीं आई। एक
तरफ तो आपने बताया कि कार्बन डाइ आक्साइड जहरीली गैस है
ओर दूसरी तरफ यह भी कह रहे हैं कि पेड़-पौधे उस गैस को
1७6 ज्ीय जा ग्रापा
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